सक्ती फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिक बालिका की लज्जा भंग करने के मामले में 2 3 वर्षीय अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 3 वर्ष की कठोर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है।

विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट सक्ती ने बताया कि अभियुक्त ने 23 फरवरी 2022 को लगभग सवेरे 10:00 बजे नाबालिग बालिका जो 14 वर्ष की उम्र की है जो घर में अकेली थी उसकी मां खेत में काम करने गई थी तथा उसके पिता के निधन पूर्व में हो चुकी है को अकेले पाकर लज्जा भंग करने के उद्देश्य से उसकी घर में जबरदस्ती घुस कर लैंगिक आशएं से नाबालिग बालिका के हाथ बाह सीना दबाकर लैंगिक हमला कारित कर बुरी नियत से छेड़छाड़ कर लज्जा भंग कर रहा था तब नाबालिग बालिका चिल्लाई तो उसकी दादी के घटनास्थल में आने पर अभियुक्त वहां से भाग गया नाबालिग बालिका घटना के संबंध में अपने चाचा चाची को मोबाइल के माध्यम से जानकारी दिया तथा अपने चाचा चाची के साथ थाना मालखरौदा जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज दर्ज कराई। थाना मालखरौदा द्वारा अभियुक्त के खिलाफ त्वरित अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया एवं संपूर्ण विवेचना कर अभियुक्त के खिलाफ धारा 452, 354 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 8 पोक्सो एक्ट तथा 3( 2 )(v – क) एस .सी. एस .टी एक्ट के तहत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट में पेश किया गया था । विशेष न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को अपने पक्ष रखने के पर्याप्त अवसर देने के पश्चात तथा उभयपक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने के उपरांत संपूर्ण विचारण पश्चात प्रकरण में निर्णय घोषित किया गया । अभियोजन द्वारा अभियुक्त के खिलाफ आरोपित अपराध प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक पोक्सो कोर्ट यशवंत कुमार सारथी द्वारा अभियुक्त को दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त भुवनेश्वर पटेल उर्फ नारद पिता संतोष पटेल उम्र 23 वर्ष थाना मालखरौदा जिला सक्ती छत्तीसगढ़ को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के तहत 3 वर्ष की कठोर कारावास एवं ₹ 2000 की अर्थदंड भारतीय दंड संहिता की धारा 452 के अपराध के लिए 6 माह का सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अपराध के लिए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड की सजा से अभियुक्त को दंडित किया गया है l

छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से पैरवी शासकीय विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिवक्ता राकेश महंत ने किया।