रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की जनकल्याणकारी योजनाये व्यक्ति विकास की दिशा में किये गये नीतिगत ठोस उपायों के बदौलत प्रदेश के 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आये है। भूपेश सरकार में शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार आवास परंपरा संस्कृति के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है।पूर्व रमन सरकार की भ्रष्टाचार कमीशनखोरी की नीति के चलते उस दौरान 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने मजबूर थे।15 साल में सिर्फ भाजपा नेताओं का भला हुआ कमाई बढी थी और प्रदेश का किसान मजदूर बदहाल हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा भूपेश सरकार बनने के बाद कृषि क्षेत्र लाभकारी हुआ है प्रदेश के 80 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी हुई है और सरकार ने किसानों के साथ भूमिहीनों की भी आर्थिक मदद की है। किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल हाफ योजना, किसानो को 5 लाख से अधिक स्थाई पम्प कनेक्शन, 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी तेंदूपत्ता का मानक दर 4000 रु प्रति बोरा,राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान उत्पादक किसानों को 9 हजार रु एवं कोदो, कुटकी, रागी, गन्ना, दलहन, तिलहन, फलदार वृक्ष लगाने वाले किसानों को 10 हजार रु प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि देने, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना में 7000 रु सालाना मदद, 65 लाख परिवार को राशन कार्ड के माध्यम से चावल देना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक मुख्यमंत्री शहरी सलाम योजना दाई दीदी क्लिनिक ,मजबूत चिकित्सा व्यवस्था, 700 से अधिक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्कूल, सरकारी पदों पर भर्ती, चार लाख से अधिक वन अधिकार कानून के अंतर्गत पट्टा, वृद्धा पेंशन निराश्रित और विधवा पेंशन में वृद्धि, महिला स्व सहायता समूह की कर्ज माफी, मनरेगा के अंतर्गत 17 करोड़ से अधिक मानव दिवस में रोजगार देना, नरूवा गरुवा घुरुवा बारी योजना, मिलेट मिशन, गोधन न्याय योजना दो रु किलो में गोबर खरीदी,4 रु लीटर में गौ मूत्र,10 हजार से अधिक गोठनों का निर्माण,मछली पालन, कुटकुट पालन को कृषि का दर्जा देने हर क्षेत्र में हर वर्ग को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने किये गए कार्यो के कारण ही छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर आये है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार के दौरान प्रदेश के लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने मजबूर थी उस दौरान किसानों की आत्महत्या की घटनाएं होती थी युवा रोजगार के लिए तरसते थे महिलाओं के हाथ में काम नहीं था हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर थी 20 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाकर 36000 करोड रुपए का नान घोटाला किया गया था युवाओं के रोजगार को आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेचा गया था 3000 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया गया था 14 जिले नक्सल प्रभावित थे। आदिवासियों से 90 हजार एकड़ जमीन छीन ली गई थी। रमन सरकार में 41 हजार करोड़ का कर्जा चढ़ गया था।