छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक, एक बदनुमा दाग साबित हो रहे हैं भूपेश: सुनील सोनी

रायपुर(संचार टुडे)। सांसद सुनील सोनी ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले साढ़े 4 वर्ष में किए तमाम घोटालों से छत्तीसगढ़ शर्मिंदा है ही, लेकिन इनमें से कुछ घोटाले तो ऐसे हैं जो मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में आता है। शराब घोटाले का एक अंश 2 हजार करोड़ का घोटाला तो अब साक्ष्यों के साथ समाने आ गया है। ईडी ने कोयला आदि घोटाले में भी सैकड़ों करोड़ की राशि अभी तक जब्त भी की है, लेकिन भूपेश बघेल द्वारा किए 5 हज़ार करोड़ के चावल घोटाले तो मानवता को शर्मिंदा कर रहे हैं। इसमें 68 हज़ार टन चावल का घोटाला तो सदन में भी स्वीकार किया हुआ कांग्रेस ने।

केंद्रीय खाद्य विभाग की एक टीम छत्तीसगढ़ के चावल घोटाले की जांच करने प्रदेश में आयी है। भाजपा कोरोना काल से ही लगातार भूपेश सरकार द्वारा किए श्चावल घोटालेश् को आपके माध्यम से भी जनता के बीच ले जाती रही है। लगातार इसे लेकर आंदोलन भी किए गए। जापान आदि दिए गए। राशन दुकानों पर पर्चे चिपकाए। कोरोना संकट में भी वर्चुअल रैली और धरना आदि दिए गए। फिर भी कांग्रेस को उससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वह घोटाले करती रही।

भाजपा सरकार के समय जिस ‘पीडीएस सिस्टम‘ का यश दुनिया भर में था। पहली बार डा. रमन सिंह जी की सरकार ने 35 किलो चावल योजना ला कर छत्तीसगढ़ को पूर्ववर्ती कांग्रेसी शासन के अत्याचार और भूख-शोषण से मुक्त किया था, जिसकी तारीफ़ संयुक्त राष्ट्र संघ तक ने की थी, कांग्रेस सरकार ने उसे भी कलंकित कर दिया है। इस पीडीएस में भी सैकड़ों करोड़ से अधिक का घोटाला पकड़ा गया है। इसे कांग्रेस को अब स्वीकार भी करना पड़ा है। हालांकि कुल चावल घोटाला इससे काफ़ी बड़ा है। यह अब तक का सबसे बड़ा पीडीएस घोटाला है।

विधानसभा में इसे लेकर जब आंकड़े पेश किए गए तो खाद्य विभाग के डेटाबेस में 1.65 लाख मीट्रिक टन चावल जबकि जिले के डेटाबेस में 96 हजार मीट्रिक टन चावल अंकित है। कांग्रेस सरकार यह नहीं बता पायी कि शेष 69 हजार मीट्रिक टन चावल कहां गया, किसने खा लिया। अरबों रुपए का यह चावल कांग्रेस के किस चुनाव में एटीएम बन गया, यह बताना चाहिए।

न केवल प्रदेश के चावल में हेराफेरी की गयी है बल्कि केंद्र द्वारा आवंटित चावल को भी कांग्रेसी खा गए। जैसा कि हम जानते हैं कि कोरोना संकट के समय मोदी जी ने ‘भारत का एक भी व्यक्ति भूखा न सोए’ इस आह्वान के साथ ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न’ योजना शुरू किया था। यह योजना महज कुछ महीनों के लिए शुरू की गयी थी लेकिन बाद में संवेदनशील प्रधानमंत्री जी इसे लगातार बढ़ाते रहे हैं। अभी भी यह योजना दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ायी गयी है।

विश्व की सबसे बड़ी इस खाद्य योजना के तहत 81.35 करोड़ लोगों को पर्याप्त चावल या गेहूँ देने का प्रावधान है। इस में भी घोटाला कर शुरुआती आकलन के अनुसार 5 हज़ार करोड़ का लाखों टन चावल खा गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2020 से ही भाजपा लगातार इस मामले को उठाती रही है। पार्टी ने लगातार इस बेईमान भूपेश सरकार को जगाने के लिए, उसे सावधान करने के लिए इस मुद्दे को उठाती रही। कोरोना काल में भी लगातार वर्चुअल रैली और धरना आदि के माध्यम से भी बात पहुँचाती रही, राशन दुकानों पर भी समूचे प्रदेश में भाजपा ने आंदोलन किए, पर्चे चिपकाए समूचे प्रदेश में एसडीएम को जापान दिए गए लेकिन सत्ता के अहंकार और पैसे की अदम्य भूख के कारण भूपेश बघेल के कान पर जू नहीं रेंगी। वे लगातार न केवल भाजपा का मजाक उड़ाते रहे लेकिन इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा।

अंततः भाजपा ने प्रदेश में सुनवाई नहीं होते देख केंद्रीय खाद्य विभाग समेत अन्य एजेंसियों में शिकायत की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव, सांसद सुनील सोनी ने इस विषय को लोकसभा में उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह जी ने केंद्रीय खाद्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखा। लगातार भाजपा नेताओं ने मंत्री जी से मिल कर भी जांच करने का निवेदन किया था। अब खाद्य मंत्रालय की टीम इस घोटाले की परतें खोलने प्रदेश में आयी है। वास्तव में छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक, एक बदनुमा दाग साबित हो रहे हैं भूपेश, आज समूचे देश-दुनिया में केवल छतीसगढ़ के लूट की चर्चा है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने छत्तीसगढ़ को 1 लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के हिसाब से इससे 2 करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था। लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मुंह से निवाला छीना है कांग्रेस सरकार ने विधनासभा में तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक श्री शिवरतन शर्मा, पूर्व खाद्य मंत्री श्री पुन्नुलाल मोहले समेत भाजपा विधायकों के सवाल के जवाब में शासन ने स्वीकार किया था है कि प्रति माह लाख 385 टन अतिरिक्त चावल केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ को आवंटित किया जा रहा है।

प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई 2021 से अब तक 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक मिले चावल का अधिकांश हिस्सा जरूरतमंद हितग्राहियों तक कांग्रेससरकार ने नहीं पहुंचाया हैं, इस आवंटन का अधिकांश चावल कांग्रेस खा गयी है। केंद्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति प्रति महीने 5 किलो चावल राज्य को दिया गया, परंतु सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में 1, 2 और 3 सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया। यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी गड़बड़ी को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं।

औसतन एक राशन कार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1, 2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है। इससे पहले कोरोना काल में राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक-एक क्विंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त देने की बात कर रही थी। अतः चावल का सरकारी रेट 32 रुपया किलो के मान से मोटे तौर पर यह घोटाला 5000 करोड़ से अधिक का है।

भाजपा यह मांग करती है कि…

  •  तमाम ऐसे घोटाले के जिम्मेदार भूपेश बघेल इस्तीफा दें।
  • केंद्र द्वारा आवंटित अतिरिक्त चावल जो नहीं दिए गए उसका नगद भुगतान हो ।
  •  गरीबों का निवाला छीनने वाले इस घोटाले के लिए कांग्रेस प्रदेश की जनता से माफी मांगे।
  • इस घोटाले की भी उच्च स्तरीय जांच हो दोषियों को कड़ी सजा मिले।
  • इस घोटाले में लिप्त लोगों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए।

प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा,  केदार नाथ गुप्ता, पूर्व विधायक नंदे साहू, किशोर महानंद मौजूद रहें।

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