रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने एसीबी-ईओडब्ल्यू में दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले के मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई शिकायत को देर से उठाया गया सही, लेकिन बदनीयती भरा कदम बताया है।
ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की अगर नीयत सही होती तो यह शिकायत काफी पहले एसीबी – ईओडब्ल्यू से की जानी थी ताकि इतने बड़े घोटाले को अंजाम देकर आबकारी राजस्व को जो नुकसान पहुंचाया गया है, उसे रोका जा सकता।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री ओपी चौधरी ने कटाक्ष कर कहा कि जिस ईडी की जांच कार्रवाइयों पर कांग्रेस नेता और के प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री लगातार सवाल उठाते रहे हैं, उसी ईडी के प्रेस रिलीज को आधार बनाकर कांग्रेस ने एसीबी-ईओडब्ल्यू को शिकायत की है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस ने ईडी की पूरी जाँच-प्रक्रिया और कार्रवाइयों को सही और प्रामाणिक मान लिया है, लेकिन प्रदेश के कांग्रेस नेता और प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल अब भी जस-के-तस हैं। कांग्रेस और भूपेश सरकार की नीयत अब भी ठीक नहीं है।
ओपी चौधरी ने कहा कि अगर कांग्रेस और प्रदेश सरकार की नीयत में खोट नहीं थी तो उसे इस दिशा में पहले ही कदम उठाना ताकि हजारों करोड़ रुपए की इतनी बड़ी राशि घोटाले की भेंट चढ़ने के बजाय प्रदेश के खजाने में जमा होती।
ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस अब ऐसी शिकायतें करके अपने दामन पर लगे दाग नहीं धो सकती, क्योंकि सवाल यह है कि चार साल तक इस घोटाले को अंजाम दिया जाता रहा, उसकी भनक तक प्रदेश सरकार को क्यों कैसे नहीं लगी? यदि शराब निर्माता और ब्यूरोक्रेट्स मिलकर घोटाला कर रहे थे तो उन पर कार्रवाई करने की जवाबदेही क्या राज्य सरकार की नहीं थी?
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि अनवर ढेबर ने सिंडीकेट बनाकर शराब का जो गोरखधंधा चलाया, वह सत्तावादी राजनीतिक संरक्षण के बिना मुमकिन नहीं लगता। नकली शराब, कच्ची शराब, नकली होलोग्राम से बोतलों में भरकर 800 सरकारी दुकानों से सरकारी वेतन भोगियों ने यह शराब बेची जिसका कोई हिसाब-किताब तक सरकारी पंजियों में दर्ज नहीं है। श्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश को अब यह समझ आ रहा है कि कोरोना के भयावह काल में भी प्रदेश सरकार शराबी बेचने के लिए क्यों इतना मचल रही थी? कोरोना काल में घर-घर शराब पहुंचाकर प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के कई परिवारों को तबाह और छतीसगढ़ की पीढ़ियों को नशे के गर्त में धकेलने का जघन्य कृत्य तक किया।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने पूछा कि ईडी दफ्तर के सामने दलालों-आरोपियों के पक्ष में धरना देकर कांग्रेस ने क्या सिद्ध किया था? क्या एक सत्तारुढ़ दल को ऐसा आचरण शोभा देता है? ये सारे सवाल हैं, जो कांग्रेस और प्रदेश सरकार की बदनीयती पर मुहर लगा रहे हैं। श्री ओपी चौधरी ने कहा कि ईडी के प्रेस रिलीज को प्रामाणिक मानकर कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई है तो अब प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेता ईडी समेत तमाम केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों पर सवाल उठाना बंद करें और घोटाले के आरोपियों को उनकी सही जगह जेल की सलाखों के पीछे पहुंचने दें।