Raipur Crime News: रायपुर जिले के धरसींवा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें छोटे भाई ने अपने बड़े भाई और बहन के हिस्से की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेच दिया। इस मामले में धरसींवा पुलिस ने आरोपी छोटे भाई के खिलाफ दो साल बाद एफआईआर दर्ज की है।
ये है पूरा मामला
स्वर्गीय नान्हू राम अग्रवाल सूरजपुर जिले के भैयाथान गांव के निवासी थे और उनकी धरसींवा में 0.3640 हेक्टेयर (लगभग 0.9 एकड़) भूमि थी। नान्हू राम अग्रवाल के निधन के बाद उनका छोटा बेटा गोवर्धन दास अग्रवाल ने तहसील कार्यालय में खुद को उनके एकमात्र वारिस के रूप में पेश किया और यह दावा किया कि नान्हू राम अग्रवाल के अलावा उनका कोई और वारिस नहीं है। इसके बाद उसने अपनी इस जमीन को अपने नाम करवा लिया और उसे खमतराई निवासी महेन्द्र कुमार गुप्ता को बेच दिया।
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तहसील में फर्जी दस्तावेज पेश
Raipur Crime News: पुलिस जांच के दौरान यह सामने आया कि गोवर्धन दास अग्रवाल ने धरसींवा तहसील में अपने पिता के नाम पर फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिनमें उसने यह साबित करने की कोशिश की कि वह नान्हू राम अग्रवाल का एकमात्र वारिस है। नान्हू राम अग्रवाल के निधन के बाद, गोवर्धन ने यह दावा किया कि उसके पिता का कोई और वारिस नहीं है और इसी आधार पर उसने सरकारी अभिलेखों में खुद को एकमात्र वारिस के रूप में दर्ज करवा लिया।
दस्तावेजों में खुलासा
पुलिस को जब शिकायत मिली तो तहसील रायपुर से दस्तावेजों का प्रतिवेदन लिया गया। इन दस्तावेजों में यह तथ्य सामने आया कि नान्हू राम अग्रवाल की संपत्ति धरसींवा के ग्राम देवरी में दो हिस्सों में बंटी हुई थी, जिसमें एक हिस्सा 0.3310 हेक्टेयर और दूसरा 0.0330 हेक्टेयर था। नान्हू राम के दो बेटे – अशोक कुमार अग्रवाल और गोवर्धन दास अग्रवाल, तथा एक बेटी रेखा अग्रवाल थी।
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गोवर्धन दास ने धोखाधड़ी करते हुए फर्जी दस्तावेज पेश किया कि नान्हू राम अग्रवाल के अलावा अन्य कोई वारिस नहीं है, जबकि यह तथ्य पूरी तरह से गलत था। इस प्रक्रिया में उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और सरकारी अभिलेखों में भी बदलाव किया, जिसके बाद 22 मार्च 2022 को तहसीलदार ने उक्त भूमि को उसके नाम पर दर्ज कर दिया।
धोखाधड़ी का खुलासा
Raipur Crime News: जांच में यह भी पाया गया कि गोवर्धन दास अग्रवाल ने अपनी धोखाधड़ी को छुपाने के लिए कई गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए और अन्य वारिसों को उनके हिस्से की भूमि से वंचित कर दिया। जब इस धोखाधड़ी की जानकारी पुलिस को मिली, तो पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और गोवर्धन दास अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
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पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी गोवर्धन दास अग्रवाल पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की है। अब पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है और मामले की आगे की जांच की जा रही है।