भूपेश सरकार में हुए 2000 करोड़ के शराब घोटाले में अरुणपति त्रिपाठी की भूमिका की जांच करेगी CBI, सरकार ने दी मंजूरी

Chhattisgarh liquor Scam Case
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Chhattisgarh liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस भूपेश बघेल सरकार में हुए 2000 करोड़ के शराब घोटाले में तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी की भूमिका की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को मिल गई है। इसके लिए राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने मंजूरी देते हुए राजपत्र का प्रकाशन भी कर दिया है।

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Chhattisgarh liquor Scam Case:  भूपेश सरकार में अरुणपति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा से प्रति‍नियुक्ति पर आबकारी विभाग बुलाया गया था। सरकार ने उन्हें विशेष सचिव बनाकर आबकारी विभाग की सेवा का विशेष मौका दिया था। इस दौरान उन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप है। त्रिपाठी के खिलाफ ईडी और एसीबी की जांच चल रही है। त्रिपाठी के खिलाफ झारखंड में भी शराब घोटाला का आरोप लगा है। फिलहाल त्रिपाठी मामले इस घोटाले के अन्य आरोपियों के साथ जेल में हैं।

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आबकारी घोटाले में EOW ने पेश किया तीसरा पूरक चालान
Chhattisgarh liquor Scam Case:  प्रदेश में हुए बड़े आबकारी घोटाले में जांच कर रही EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने अब कोर्ट में तीसरा पूरक चालान पेश किया है। इस चालान में तीन मुख्य आरोपियों, अनिल टुटेजा, सुनील दत्त और विकास अग्रवाल के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। करीब 2 हजार से अधिक पन्नों का यह चालान EOW ने एसीबी/ईओडब्लू की विशेष अदालत में पेश किया।

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EOW ने विकास अग्रवाल उर्फ शिबू के खिलाफ फरारी में भी चालान पेश किया है। वह आबकारी घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी और दाहिना हाथ माना जाता है। जानकारी के अनुसार, विकास अग्रवाल और उसका परिवार फरार हैं। अब, EOW की इस कार्रवाई से इस बड़े घोटाले में और भी खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है

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