डौंडी(संचार टुडे)। आदिवासी ब्लाक मुख्यालय डौंडी से घोठिया आदमाबाद तक करोड़ो की लागत से बन रही सड़क व नाली निर्माण में ठेकेदार द्वारा बरती जा रही अनिमितता के विरुद्ध क्षेत्र के ग्राम पंचायत लामबद्ध होकर आंदोलन करने की रूपरेखा बना रहे है वही पटेली पंचायत के मिनी स्टेडियम पर डेढ़ साल से ठेकेदार का कब्जा मामले में पंचायत ने ठेकेदार को स्टेडियम खाली करने 15 दिनों का अल्टीमेटम दे दिया है।
गौरतलब है कि *मिनी स्टेडियम पर ठेकेदार का मिक्सर प्लांट कब्जा* शीर्षक से मीडिया में प्रकाशित खबर का असर हो गया है । ग्राम पंचायत पटेली की सरपंच राधा बाई रावटे, सचिव लेमन निर्मलकर ने ठेकेदार को 15 दिवस के भीतर मिनी स्टेडियम से मिक्सर प्लांट व भवन खाली करने के लिए पत्र जारी किया गया है।
इस संबंध में सरपंच पति परमेश्वर रावटे ने मीडिया को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सड़क ठेकेदार कन्हैया अग्रवाल को ग्राम पटेली के मिनी स्टेडियम में लगाए गए मिक्सर प्लांट को हटाने के साथ साथ मैदान समतलीकरण, स्टेडियम की जो भी क्षति हुई है उसका संधारण अनिवार्य रूप से करवाते हुए 15 दिवस के भीतर हटाने का लिखित पत्र जारी कर दिया गया है, यदि 15 दिवस में स्टेडियम को खाली कर मिनी स्टेडियम के संधारण कार्य को नही किया जाता हैै तो आगे की कार्यवाही के लिए ग्राम पंचायत स्वतंत्र रहेगी ।
बहरहाल अब उक्त पत्र जारी होने के पश्चात ठेकेदार के कर्मी संशय की स्थिति में है कि अब क्या किया जाए, साथ ही आगे देखना होगा कि ग्राम पंचायत पटेली ठेकेदार से आने वाले 15 दिनों में मिनी स्टेडियम खाली करवाकर उसका संधारण करवा पाती है या नही ।
उल्लेखनीय है कि डौंडी से आदमाबाद जाने वाली सड़क निर्माण के ठेकेदार कन्हैया अग्रवाल के कर्मियों के द्वारा 20 लाख की लागत से ग्राम पटेली में बने मिनी स्टेडियम को पंचायत और गांव के कुछ प्रमुख लोगो को झांसा देकर सीमेंट मिक्सर प्लांट लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करवाकर पिछले डेढ़ साल से प्लांट लगाकर स्टेडियम में बने भवन को स्टोर रूम बना लिया था और पूरे मैदान पर कब्जा कर लिया था साथ ही स्टेडियम की बाउंड्री वॉल को भी अपने लाभ के लिए तोड़ दिया था । जिसके कारण गांव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे और खिलाड़ी इसके उपयोग से वंचित हो गए थे । उक्त मिनी स्टेडियम को ग्रामीणों ने ग्राम के धान खरीदी केंद्र के मैदान को पाटने और अन्य छोटे छोटे कार्य करने के बदले दिया गया था जिनको भी ठेकेदार ने सही ढंग से पूरा नही किया । इन्ही सभी बातों और समस्याओं को लेकर बार बार बोले हुए काम को ठेकेदार द्वारा नही करने, जिले सहित ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा इस ठेकेदार के घटिया निर्माण पर कोई कार्यवाही नही करने और ठेकेदार के कर्मचारियों की दबंगई को देखते हुए ग्रामीणों को भी डर लगने लगा था कि ठेकेदार की पहुंच सत्ता के गलियारों तक है, इसीलिए इस पर कोई कार्यवाही नही होती है । ये ही सोचकर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेडियम को खाली कराने की कोई भी हिम्मत कोई नही जुटा पा रहा था। जब मीडिया के द्वारा प्रमुखता से इस मुद्दे को ब्लॉक और जिले सहित राज्य तक ले जाया गया तो ग्राम पटेली के ग्रामीणों में भी साहस आया और सभी की सहमति से स्टेडियम को खाली करवाने के लिए पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया । वहीं इस सड़क पर आने वाली अन्य ग्राम पंचायतों द्वारा भी अब मुखर होकर सड़क और नाली निर्माण में की जा रही अनियमितताओं के लिए आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है ।