वेद पुराणों में बेटे से अधिक बेटियों को महत्व दिया गया है, बेटियों को शिक्षा, सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए:  संत रामबालक दास 

बालोद(संचार टुडे)। 19 जुलाई माह से लेकर 16 अगस्त महीने तक श्री पाटेश्वरधाम में आयोजित एक महीने की शिवपुराण कथा में छत्तीसगढ़ के प्रखर संत राम बालक दास ने कथा के 9 वें दिवस में बताया कि श्री सूत जी महाराज शिवपुराण के रूद्र संहिता के सती खंड में कहते हैं कि जब ब्रह्मा ने सृष्टि रचना की तब उन्होंने मनु के द्वारा 5 संतान उत्पन्न किए उनमें से 2 पुत्र और 3 पुत्रियां थी यह प्रथम मानुषी सृष्टि है, इसका मतलब यह है कि हमारी शास्त्रों का आदेश है बेटे से ज्यादा बेटियां होनी चाहिए। पर आज क्या हो रहा है आज पुत्रियों की संख्या कम हो गई है लोग कहते हैं कि सनातन धर्म में पुत्र को महत्व दिया गया है अगर पुत्र को ही महत्व दिया गया होता तो महाराज मनु पांच पुत्र उत्पन्न करते, दो पुत्र और तीन पुत्रियाँ उत्पन्न क्यों करते इसका मतलब है कि हमारे यहां वेद पुराणों में भी बेटे से अधिक बेटियों को महत्व दिया गया है। इस बात को समाज यदि आज भी सीख ले समझ ले तो स्त्रियों पर होने वाला अत्याचार कम हो जाएगा वैसे भी कहा गया

‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’ या फिर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, संत श्री ने बताया कि श्री जामडी पाटेश्वर धाम द्वारा सैकड़ों बेटियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है। क्योंकि जो हम उपदेश करते हैं उसे स्वयं भी तो आचरण में लाना चाहिए यदि वर्तमान में भारत के सभी कथाकार इस दिशा में कार्य करें तो हमारे देश की हर बेटी को शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा मिल सकता है। इन सभी कार्यक्रम को पाटेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल Rambalakdas पर आप रोज शाम 6:00 से रात्रि 8:00 तक श्रवण कर सकते हैं ।

ज्ञात हो कि पुरुषोत्तम माह के अवसर पर बालोद जिला के प्रसिद्ध तीर्थ श्री पटेश्वरधाम में अभी एक महीने का अनुष्ठान चल रहा है जिसके अंतर्गत सुबह 6 बजे से महारुद्राभिषेक , 9 बजे से 10 बजे ऑनलाइन भागवत कथा का प्रसारण , सुबह 11 बजे से 1 बजे तक रामचरित मानस पाठ एवम शाम 3 बजे से 6 बजे तक शिवमहापुराण की कथा हो रही है कथा का वाचन स्वयं राम बालक दास जी कर रहे है।

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