रायपुर। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश राज में महिलाओं के लिये जीवन जीने के लिये ज्यादा सुरक्षित माहौल बना है। छत्तीसगढ़ की छवि खराब करने तथा अपनी गलतियों को छुपाने छत्तीसगढ़ के खिलाफ सुनियोजित दुष्प्रचार केंद्र की मोदी सरकार कर रही है। मणिपुर में शांति की स्थापना में भाजपा सरकार की असफलता और नकारापन उजागर होने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ को बदनाम करने की नियत से झूठे मनगढ़त आरोप लगा तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रही है इसलिये मोदी सरकार, सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पीआईबी ने अपने वेबसाइट में 26 जुलाई को मीसिंग वुमेन शीर्षक से जारी विज्ञप्ति में महिला एवं बच्चियों की गुमशुदगी की जानकारी अधूरी है। पीआईबी ने तीन वर्षो में दर्ज मामले की जानकारी दी है लेकिन उक्त प्रकरणों में हुई कार्यवाही के संबंध में छिपाया है। पीआईबी ने आंकड़ा जारी किया कि छत्तीसगढ़ में 59933 महिलायें तीन साल में गायब हो गयी जबकि इस मामले में हुई प्रभावी कार्यवाही को जानबूझकर छुपाया गया। इन आंकड़ों में 2018 में गायब महिलाओं और बच्चों को भी जोड़ा गया है। इन 59933 गायब महिलाओं में 55713 बरामद की जा चुकी है। 2019 से 2021 तक कुल गुम 10817 बालिकाओं में से 10514 बालिकाओं बरामद किया गया जो 97 प्रतिशत है। 2019 से 2021 तक कुल गुम 49116 महिलाओं में से 45199 महिलाओं को बरामद किया गया जो 92 प्रतिशत है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ अपराधों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 62 प्रतिशत की कमी आई है। कांग्रेस सरकार बनने के तीन साल पहले और कांग्रेस की सरकार बनने के तीन साल बाद महिलाओं के साथ हुये अपराधों के आंकड़े इसकी गवाही देते है। बलात्कार के मामलों का तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है- 2016-1626 मामले दर्ज हुये, 2017-1908 मामले, 2018-2091 मामले, 2019-1036 मामले, 2020-1210 मामले, 2021-1093 मामले। बलात्कार के प्रयास के मामले- 2017-19, 2018-27, 2019-09, 2020-08, 2021-07। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामलों में पांचवें नंबर पर था, 2021 में भूपेश सरकार की महिला सुरक्षा नीतियों के कारण छत्तीसगढ़़ 11वे स्थान पर आ चुका था। जो अब 2022-23 में 18वे स्थान पर है। बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में भी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2018 तक 10वें स्थान पर था, जबकि भूपेश सरकार के बाद 2022 में छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और ये 16वें स्थान पर है। महिला के विरूद्ध घटित अपराध में छत्तीसगढ़ की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर 18वें स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख आबादी पर महिला के विरूद्ध घटित अपराध की दर 63.3 है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति लाख आबादी पर महिला के विरूद्ध घटित अपराध की दर 49.8 है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज के दौरान सितम्बर 2013 में unodc (यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम) की रिपोर्ट आई कि रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ मानव तस्करी का केंद्र बन चुका था। दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में रेड लाइट इलाकों में पाई जाने वाली अधिकतर लड़कियां छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों से लाई गई थी। महिलाओं और बालिकाओं की तस्करी के आंकड़ों के मामले में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल था। रमन शासनकाल में 27000 से अधिक महिलाएं लापता थी।