दुर्ग बाइपास में CG 07 पासिंग गाड़ियां टोल फ्री, नॉन कमर्शियल वाहनों को लेन 1 और 8 पर रहेगी छूट…

दुर्ग(संचार टुडे)। अगर आपके पास दुर्ग पासिंग यानि सीजी 07 नंबर की गाड़ी है तो ये खबर आपके लिए है। दुर्ग जिले में नेहरू नगर से नागपुर को जाने वाले हाइवे में स्थित दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा प्रबंधन ने इन नंबर की प्राइवेट गाड़ियों को टोलफ्री कर दिया है। यह निर्णय दुर्ग व भिलाई वासियों के लंबे संघर्ष और विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया है।

आपको बता दें कि दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी शिवनाथ एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने इस संबंध में एक बोर्ड लगाया हुआ है। इस बोर्ड को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने सोशल मीडिया में वायरल किया है।

CG 07 passing vehicles in Durg bypass toll free, non commercial vehicles will be exempted on lane 1 and 8...
CG 07 passing vehicles in Durg bypass toll free, non commercial vehicles will be exempted on lane 1 and 8…

बोर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा है कि दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा में निजी वाहन (नॉन कमर्शियल) CG 07 कार को आरक्षित लेन एक और आठ निशुल्क रूप से आने जाने दिया जाएगा। अगर दुर्ग पासिंग गाड़ियों को दुर्ग से राजनांदगांव की तरफ जाना है तो वो लेन नंबर 8 का उपयोग करेंगे और यदि राजनांदगांव से दुर्ग की तरफ आना होगा तो उन्हें लेन नंबर 1 से आना होगा।

दूसरे लेने से जाने पर लग जाएगा टोल

टोल प्लाजा प्रबंधन ने बोर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सीजी 07 पासिंग गाड़ियां केवल इन्हीं दो लेन का उपयोग आने जाने के लिए करें। यदि वो दूसरे लेन से आते या जाते हैं तो उनका टोल फास्टटैग के जरिए अपने आप कट जाएगा

टोल फ्री करने के लिए करनी बड़ी थी तोड़फोड़

आपको बता दें कि इस टोल प्लाजा में सीजी 07 पासिंग गाड़ियों को टैक्स फ्री करने की मांग कई सालों से चली आ रही थी। नेशनल हाइवे अथारिटी की आड़ में टोल प्रबंधन सभी गाड़ियों से टोल की वसूली कर रहा था। इसी बात को लेकर कांग्रेस से भिलाई जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर की टोल प्लाजा कर्मचारियों से बहस हो गई थी। इसके बाद बीते 27 जून को उन्होंने आमजन के सहयोग से टोल प्लाजा के सामने चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन किया था।

टोल कर्मचारियों के अड़ियल रवैय्ये के चलते धरनारत लोग आक्रोषित हो गए और उन्होंने पूरे टोल प्लाजा में तोड़फोड़़ शुरू कर दी थी। यहां तक की वहां लगे सभी सीसीटीवी कैमरे, बेरियर और अन्य सामान को भी तोड़ दिया गया था। जिला और पुलिस प्रशासन ने मध्यस्थता करके मामले को शांत कराया था। आंदोलन कारियों ने चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती तो वो इस टोल प्लाजा को ही नहीं चलने देंगे। इसके बाद टोल प्लाजा प्रबंधन दबाव में आया और इस मांग को माना गया है।

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