विस् अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ममतामयी मिनीमाता की पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए उल्लेखनीय कार्यो को किया याद

सक्ती(संचार टुडे)। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मिनीमाता जिन्हें गुरु माता के नाम से जाना जाता है उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए हृदय के अंतर्मन से श्रद्धांजलि अर्पित की है।

विस् अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, मिनीमाता छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थी, बाल विवाह, दहेज प्रथा दूर करने के लिए आवाज उठाई तो गरीबी, अशिक्षा दूर करने के लिए भी काम करती रहीं। अनाथ व पीड़ितों की सेवा करना जीवन का प्रमुख लक्ष्य रहा। उन्होंने समाज का पिछड़ापन दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। छुआछूत मिटाने के लिए दिन रात एक किया जिससे मिनी माता को लोग मसीहा के रुप में देखा करते थे।

डॉ. महंत ने उनसे जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए कहा की, उन्हें छत्तीसगढ़ की राजमाता कहा जाता है जबकि, वह किसी राजघराने से नहीं आती थीं पर छतीसगढ़ की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान दिया। छत्तीसगढ़ सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान प्रदत्त करती है। मिनीमाता हमेशा गरीबों और दलितों की मदद के लिए तैयार रहती थीं। संसद से लेकर सड़क तक उन्होंने इसके लिए आवाज उठाई। वे छत्तीसगढ़ मजदूर कल्याण संगठन, भिलाई की संस्थापक थीं। जब वे सांसद के रुप में दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। मिनीमाता को हिंदी, छत्तीसगढ़ी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था। उपरोक्त जानकारी विधान सभा अध्यक्ष डा चरण दास महंत जी के प्रतिनिधि नरेश गेवाडीन ने दी ।

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