रायपुर(संचार टुडे)। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के द्वारा पुलवामा हमले के बारे में खुलासे के बाद सीबीआई द्वारा उनको सम्मन भेजना इस बात का सबूत है कि जो भी व्यक्ति मोदी सरकार के खिलाफ बोलेगा चाहे कितनी भी प्रमाणिक बात बोलेगा उसके खिलाफ मोदी सरकार किसी भी स्तर तक जाकर प्रताड़ना की कार्यवाही करेगी। सारी केंद्रीय जांच एजेंसियों को उसके पीछे लगा दिया जायेगा। यह भाजपा, आरएसएस और मोदी सरकार का फासीवादी चरित्र है जो अपने खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज को सुनना पसंद नहीं करते है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पुलवामा पर सत्यपाल मलिक ने जो खुलासा किया है उसके बारे में पूरे देश को इंतजार था कि शायद सरकार की तरफ से इस मामले में कोई सफाई आयेगी तथ्य रखे जायेंगे लेकिन मोदी सरकार बौखला गयी और वह अपने ही पुराने सहयोगी को प्रताड़ित करने में लग गयी है। देश की जनता जानना चाहती है कि मलिक के खुलासे पर सरकार का क्या पक्ष है? यह देश की जनता जानना चाहती है।
पुलवामा हमले में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक के द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब मोदी सरकार को देना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की जनता जानना चाहती है कि पुलवामा का सच क्या है? पुलवामा हमले के तुरंत बाद जब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री से इस मसले पर सवाल खड़ा किया तथा जांच को कहा तो उनसे चुप रहने को क्यों कहा गया? तत्कालीन राज्यपाल मलिक दावा कर रहे कि सीआरपीएफ ने अपने जवानों को ले जाने जहाज की मांग किया था लेकिन गृह मंत्रालय ने मना कर दिया था ऐसा क्यों हुआ? देश जानना चाहता है। सत्यपाल मलिक यह भी कह रहे कि उन्होंने प्रधानमंत्री से पुलवामा हमले के तुरंत बाद जिम कार्बेट पार्क में फोन पर बात किया था। उन्होंने इस मामले में चुप रहने किसी से भी बात नहीं करने को कहा था प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों कहा था? इसके बारे में भी देश को बताना चाहिये।