ग्राम गुदुम के रीपा में प्रशासन की नाकामी हो रही उजागर, समूह को कैसे बनाये जाएंगे स्वालंबन?
गोरेलाल सोनी की खबर….
डौंडी(संचार टुडे)। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना रीपा का आदिवासी विकासखण्ड डोंडी के ग्राम गुदुम के महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क में लोकार्पण के लगभग छह माह बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों के उदासीनता के चलते ग्रामीण स्व सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार नही मिल पा रहा है तो वही उन्हें किये गए कार्य से पर्याप्त मजदूरी भी नही मिल पा रही है गुदुम के औद्योगिक पार्क में हाउस होल्ड क्लीनिंग मटेरियल प्लांट की स्थापना कर कार्य किया जाना था।
किन्तु वह कार्य ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है और 21 सितम्बर को मिक्चर उत्पादन करने का प्रस्ताव कर मशीनों की खरीदी व बिजनेस पार्टनर के द्वारा कच्चा माल दिये जाने व मिक्चर बनने के बाद उसे बिक्री करने की जवाबदारी होने की बात कह रहे है।
ग्राम गुदुम रीपा के महात्मा गांधी ग्रामीण औधोगिक पार्क में ग्रामीण स्वसहायता समूह सदस्यों की आर्थिक दशा बदलने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाना शासन-प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य है। परंतु रीपा के इस महत्वकांक्षी योजना में प्रशासन की नाकामी के चलते समूह सदस्यों को स्वालंबन बनाया जाना फिलहाल प्रतीत होता नजर नही आ रहा है। क्योंकि प्रशासन के द्वारा लाये जा रहे प्लान से समूह को स्वरोजगार मिलने की कोई गारंटी नही दिख रहा है।
समूह के कार्य मे केवल रोजगार मिलने की संभावना दिखने लगा है। वही गुदुम रीपा के नए ग्रामीण औधोगिक पार्क में प्रशासन के नाक के नीचे घटिया डोम निर्माण में स्तरहीन प्रोफाइल शेड दीवार तैयार किया गया है, साथ ही पार्टीशन कार्य मे कोई मजबूती भी नही है।
गौरतलब है कि ग्राम गुदुम में ग्रामीण महात्मा गांधी ग्रामीण औधोगिक पार्क करोड़ो रुपयों की लागत राशि से नया डोम भवन निर्माण तैयार किया गया है,जिसका प्रोफाइल व पार्टीशन दीवार बेहद कमजोर दिख रहा है इसका फिटिंग कार्य भी मजबूती के साथ नही किया गया है जो कि थोड़ा हिलाने से ही अत्यधिक हिल रहा है।तथा भरी बरसात में डोम छत उपर तथा प्रोफाइल दीवार निर्माण के चारो ओर से पानी का बौछार रूम अंदर प्रवेश कर रहा है वही प्रोफाइल शेड की सुंदरता बढ़ाने लगाया गया फ्लोर पेंट बरसात की पहली पानी मे ही घुलकर कक्ष अंदर फैल चुका है जिससे सहज समझा जा सकता है कि फ्लोर पेंट व डोम निर्माण किस पारदर्शिता के साथ किया गया है। जिसे जाकर प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है।
इसके अलावा डोम निर्माण में एक जगह का सटर ना खुल रहा, ना बंद हो रहा क्योंकि सटर खोलने व बंद करने का सिस्टम ही दीवार से उखड़ चुका है, सटर फिटिंग के उपर हिस्सा भी गेप होने से रूम अंदर पानी प्रवेश कर रहा साथ ही शेड अंदर लगाए गए बिजली बोर्ड में भी पानी पड़ने से कभी भी करंट होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही मुख्य प्रवेश गेट के बाहर आने जाने वाली रास्ते में नाली खोदकर मार्ग को अधूरा छोड़कर रखा गया है।
इस स्तिथि से मीडिया को अवगत कराते हुए ग्राम गुदुम के महात्मा गांधी औधोगिक पार्क में उपस्थित स्वसहायता समूह के पुरुष अध्यक्ष प्रीतम, सचिव यश कुमार,सदस्य गण – गगेश्वर बलेन्द्र,मुकेश निषाद, विजय कोठारी,कमलेश्वर। महिला कल्पना कोमरे,नंदनी धरेंद्र,डिलेश्वरी, डोमेश्वरी व शीला ने बताया कि रीपा में हाउस होल्ड क्लीनिंग मटेरियल प्लांट शुरू किये जाने शासन की ओर से 38 लाख रुपए उनके समूह खाते में राशि जमा कराया गया है। जिसमे से समूह द्वारा करीब 9 लाख राशि से झाड़ू बनाने की मशीन खरीदी कर झाड़ू बनाने का काम शुरू किया गया है। इससे पूर्व जनपद डौंडी के पूर्व सीईओ द्वारा समूह की जानकारी के बिना महंगा मशीन सामाग्री पार्क में लाकर थोप दिया गया था जिसे समूह द्वारा कंपनी को वापस भेजकर दूसरा मशीन मंगवाया गया है तथा 21सितंबर को डौंडी जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण औधोगिक पार्क गुदुम पहुँचे थे जहां उन्होंने एक बिजनेश पार्टनर साथ लाकर मिक्चर मशीन से मिक्चर बनाने-बेचने कार्य का प्रस्ताव समूह को दिया गया है। जिसमें समूह को यह बताया गया कि आपका बिजनेश पार्टनर आपको मिक्चर बनाने कच्चा सामान लाकर देगा जिसे समूह को मशीन से मिक्चर बनाकर देना होगा। तब तैयार मिक्चर को बिजनेश पार्टनर राशि आकलन के हिसाब से उठाव कर लेगा। जिसके एवज में उक्त बिजनेश पार्टनर समूह के प्रत्येक सदस्य को प्रत्येक दिवस का 300 रुपये मजदूरी राशि देगा साथ ही तैयार मिक्चर के हिसाब से कुछ राशि समूह के नाम से दिया जावेगा। इस बीच खराब मटेरियल की जवाबदेही बिजनेश पार्टनर लेगा जिसके लिए बिजनेश पार्टनर से ओएमयू लिया जाएगा। यह तरकीब समूह सदस्यों को अच्छा लगने लगा है परंतु शिक्षित समूह सदस्यों के मन मे यह सवाल भी उत्पन्न हो रहा कि हर महीने उनका आय का स्रोत कितना आएगा यह अभी फिक्स नही हुआ है। समूह सदस्यों ने ग्रामीण औधोगिक पार्क में बनाये गए नए डोम भवन निर्माण की घटिया क्वालिटी एवं संपूर्ण अव्यवस्था से मीडिया को अवगत कराया गया। एक सवाल के जवाब में समूह के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने अभी मिक्चर बनाने की ट्रेनिंग नही लिया है।
गौरतलब है कि गुदुम रीपा में लाई जाने वाली मिक्चर मशीन व मटेरियल सामाग्री बनाने की लागत समूह द्वारा लगाया जा रहा है। इसके बावजूद समूह सदस्य रोजगार माध्यम से काम करेंगे। और बिजनेश पार्टनर लाभ देने की बात कहकर बिना लागत राशि के अपना लाभ अर्जित करेगा। इससे प्रशासन द्वारा समूह सदस्यों को स्वरोजगार के जरिये स्वालंबन बनाये जाने की ढोल का पोल खुल रहा है। वही रीपा में शासन द्वारा उल्लेख गतिविधि हाऊस होल्ड क्लीनिंग मटेरियल प्लांट के मुख्य उद्देश्य से हटकर अन्य गतिविधि चलाया जाना प्रतीत हो रहा है। सनद रहे कि 25 अप्रैल 23 को ग्राम गुदुम रीपा का लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से कर दिया गया है और अभी सितंबर माह चल रहा है। बीते इन पांच महीने में ग्राम गुदुम के समूह सदस्यों को अभी झाड़ू बनाने कार्य मे कितना लाभ मिल पाया है यह उनकी जुबानी से पूछकर सुना समझा जा सकता है।