कवर्धा(संचार टुडे)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई है. वहीं चुनाव आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. पोस्टर-बैनर लगाकर लोगों से वोट करने की अपील की जा रही है. हालांकि कबीरधाम जिले के लोग इसमें ज्यादा रूचि लेते नजर नहीं आ रहे है. जिले के बोड़ला विकासखंड अंतर्गत आने वाले नेउरगांव कला में अगल तस्वीर देखने को मिली है. गांव वालों ने मंत्री, विधायक, सांसद और जिला पंचायत सदस्य के लापता का पोस्टर लगाकर विरोध कर रहे है.दरअसल गांव के मतदाताओं ने मूलभूत सुविधाओं के आभाव के चलते जनप्रतिनिधियों के लापता का पोस्टर लगाए है.
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ग्राम नेउरगांव कला के ग्रामीणों में आक्रोश है कि बिजली कटौती, पानी, स्कूल में शिक्षकों की कमी और सड़क सहित कई समस्या है. इन्हीं समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने नेताओं का लापता वाले पोस्टर लगाकर प्रर्दशन किया. साथ ही गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार करने का भी ऐलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां लोग सालों से सड़क के लिए तरस रहे हैं. बेहद खराब सड़क को लेकर तमाम प्रकार की दुश्वारियां झेल रहे गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. सड़क की तत्काल मरम्मत तथा निर्माण की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने पोस्टर-बैनर के साथ सड़क पर जमकर अपने गांव में प्रदर्शन किया. नारेबाजी कर रहे लोगों की नाराजगी साफ झलक रही थी.
कीचड़ में तब्दील हुई गांव की सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि नेउरगांव से कुसुमघटा पहुंच मार्ग जो कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बना है. वर्षो से जर्जर हो चुका है, लेकिन आज तक न मरम्मत हुई और ना ही दोबारा बनाया गया. नेउरगांव प्रवेश द्वार से गांव के अंदर की सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई थी, लेकिन वर्तमान में सड़क में सिर्फ और सिर्फ कीचड़ ही बचा है. ग्रामीणों ने कहा कि इस खराब सड़क पर रोजाना लोग चोटिल हो रहे हैं. सड़क हादसों में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे है. थोड़ी सी दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं. शासन-प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह हो गया है. स्कूली बच्चे को आने-जाने में बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई सड़क की मरम्मत
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों, विभाग के उच्चाधिकारियों तथा जिलाधिकारी को कई बार लिखित पत्र देकर मांग की गई. मगर उदासीनता के चलते इस सड़क पर ना तो मरम्मत और ना ही निर्माण कार्य कराया गया. ग्रामीणों का कहना है कि विकास नहीं तो वोट नहीं. कोई भी राजनीतिक पार्टी यहां वोट मांगने न आए. हम किसी भी पार्टी को वोट नहीं देंगे. चुनाव से पहले वादे करते है और जीतने पर गायब हो जाते है. ग्रामीणों ने नेताओं के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले अनेक वादे करते हैं. मगर चुनाव जीतने के बाद वादे तो दूर की बात है दर्शन भी दुर्लभ हो जाते है. हम किस स्थिति में जी रहे हैं हाल-चाल जानना भी जरूरी नहीं समझते.