शराबबंदी न करना वादाखिलाफी,मिलावटी शराब बेचना इनकी नीति,और अधिक कीमत में बिकवाना चुनाव के लिए फंड रेजिंग: दीपक आरदे (लोकसभा सचिव राष्ट्रीय परिषद सदस्य “आप”)

डौंडी (संचार टुडे)। आप नेता दीपक आरदे का कहना है कि आए दिन प्रदेश के शराब दुकानों में चल रहे घोटाले से जनता त्रस्त हो रही है,वहीं आबकारी विभाग अवैध शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है तो दूसरी तरफ आबकारी विभाग और शराब दुकान के सुपरवाइजर स्टाफ की मिलीभगत से शराब की कीमतों से अधिक पैसे में शराब बेच कर उपभोक्ताओं से मोटी रकम वसूली जा रही है।

आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय परिषद सदस्य व लोकसभा सचिव दीपक आरदे ने कांग्रेस सरकार को इस मामले में इंवॉल्व होना बताया है,उन्होंने कहा की भूपेश बघेल की सरकार चुनाव के दरमियान जनता से वादा करते हुए कहा था कि उनकी सरकार बनते ही शराबबंदी की जाएगी लेकिन यह वादा खिलाफी और जनता के विश्वास को घात करने वाला जुमलेदार घोषणा निकला।जिसके चलते छत्तीसगढ़ में शराबबंदी अभी तक नहीं हो पाई है,साथ ही अब आलम यह बन गया है की,आबकारी मंत्री और मुख्यमंत्री मिलकर छत्तीसगढ़ के सभी शराब दुकानों में शराब की कीमत से अधिक में शराब बिक्री कर चुनाव के लिए फंड की व्यवस्था में जुटे हुए है,आबकारी विभाग और शराब दुकान के सुपरवाइजर और स्टाफ केवल मोहरे है,इस पूरे घोटाले भरे खेल का मास्टरमाइंड आबकारी मंत्री और मुख्यमंत्री है जो जनता से पैसा लूट कर चुनाव के लिए फंड इक्कठा कर रहे है।
बहर हाल बालोद जिला में भी यह मामला खूब जोरो पर है जहां जिले भर के तीनो विधानसभाओ में भूपेश सरकार के तीन विधायक मौजूद है,जिनके सत्ता के पावर से जिला प्रशासन आबकारी विभाग उनके इसारो पर कार्य कर रहे है,बालोद जिला को भ्रष्टाचार का गढ़ बनाने में यहां के तीनो विधायको ने कोई कसर नहीं छोड़ी है,वहीं आबकारी विभाग को अपने इशारों में नाचते हुए बालोद जिले में भी मिलावटी शराब बिकवा रहे है तो दूसरी ओर शराब की कीमतों से ज्यादा कीमत पर बिकवा रहे है,जिससे तीनों विधानसभाओं में चुनाव के लिए फंड रेजिंग किया जा सके।इस मामले पर विपक्ष भी मौन है,इसका कारण बताने की जरूरत नहीं है,क्योंकि केंद्र को भी इस नीति से फायदा पहुंच रहा है,और भाजपा कांग्रेस मिलकर इसका पुरजोर समर्थन भी कर रही है।
मुख्यमंत्री,आबकारी मंत्री और क्षेत्रीय विधायक के छत्र छाया में छत्तीसगढ़ में मिलावटी शराब,अधिक कीमतों में बिक रही है वहीं दूसरी ओर अवैध शराब माफिया का भी व्यापार जोरो पर है,इनके संरक्षण करने से विभाग से लेकर सरकार को फायदा पहुंच रहा है।
इस व्यवस्था को सुधारना जरूरी है,खुले आम इस प्रकार का भ्रष्टाचार करने वाली सरकार के उपर जांच ना होना घोर निंदनीय है।
इस व्यवस्था को बदलना अति आवश्यक है,नही तो 2023 के चुनाव में जनता इसका जवाब जरूर देगी।

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