रायपुर(संचार टुडे)। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल और पर प्रतिबंध लगाने के वादे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पीएफआई पर केंद्र सरकार टेरर फंडिंग उजागर होने पर प्रतिबंध लगा चुकी है। देश की कई आतंकी गतिविधियों में पीएफआई की संलिप्तता जग जाहिर है बावजूद कांग्रेस ने सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म को अपमानित करने के लिए इस आतंकी संगठन की तुलना धार्मिक संगठन बजरंग दल से करते हुए प्रतिबंध की बात कही है।

बृजमोहन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति में इतनी आगे बढ़ गई है कि वह सनातन हिंदू धर्म को दोयम दर्जे पर रखती है।

देश की तरह कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में भी तुष्टिकरण और धर्मांतरण के एजेंडे पर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ में हिन्दू संगठनों को प्रताड़ित कर तुष्टिकरण में व्यस्त कांग्रेस सरकार धर्मांतरण को संरक्षण दे रही है। भगवान राम के अस्तित्व को नकारने वाले उनके नाम पर दिखावा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बजरंगबली के भक्तों का दमन कर ही रहे हैं और अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कर्नाटक में सरकार बनने पर बजरंग दल पर बैन लगाने का वादा कर दिया है। एक तरफ कांग्रेस हिंदू वोट पाने के लिए कोट के ऊपर जनेऊ पहनने से पीछे नहीं रहती। दूसरी तरफ कांग्रेस हिंदूवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा करती है।

बृजमोहन ने कहा कि कांग्रेस के दोहरे चरित्र का एक प्रमाण यह भी है कि उसने केरल में मुस्लिम लीग से गठबंधन किया। तब इन लोगों ने पीएफआई पर प्रतिबंध की बात क्यों नहीं की थी। कांग्रेस ने उनके नेताओं के मुकदमे वापस क्यों लिए थे, यह मल्लिकार्जुन खड़गे को बताना चाहिए। कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात कर रही है तो कांग्रेस का यह घोषणा पत्र धर्मनिरपेक्ष कैसे हो सकता है?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही हिंदू और हिंदुत्व का अपमान करती रही है। भारतीय सनातन संस्कृति का अनादर इनके डीएनए में है। कुछ समय पहले कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सतीश जारकिहोली ने हिंदू शब्द को बहुत गंदा बताते हुए हिंदुत्व का अपमान किया था। लेकिन कांग्रेस ने इस कृत्य के ऊपर न कोई संज्ञान लिया और न ही अपने प्रदेश अध्यक्ष के विरुद्ध कोई कार्यवाही की। कांग्रेस की मानसिकता सनातन धर्म और हिंदू विरोधी है जो छत्तीसगढ़ में हिंदुओं के उत्पीड़न के साथ साथ कर्नाटक के चुनाव में उसके घोषणा पत्र के जरिए एक बार फिर सामने आ गई है।

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