SANCHARTODAY DURG. सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर मामी ने दो शातिरों के साथ मिलकर अपने भांजे से 50 लाख रुपये की ठगी कर ली। सरकारी नौकरी की चाह में भांजे ने अपनी जमीन और घर बेचकर रुपये दिए थे। नौकरी न लगने की स्थिति में आरोपितों ने पूरे रुपये वापस लौटाने का वचन भी दिया था लेकिन, नौकरी न लगने पर आरोपितों ने रुपये लौटाने साफ इंकार कर दिया। उल्टे उन्होंने धमकाना शुरू कर दिया। घटना की शिकायत पर पुरानी भिलाई पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत प्राथमिकी की है।

पुलिस ने बताया कि जयस्तंभ चौक चरोदा बस्ती बीएमवाय चरोदा निवासी गजेंद्र लहरे की शिकायत पर उसकी मामी सुनीता सोनवानी निवासी विंध्यवासिनी कालोनी अभनपुर रायपुर और नगर पंचायत माना कैंप के सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी नरेंद्र देशहलरे व उसकी पत्नी निवेदिता देशलहरे के खिलाफ प्राथमिकी की गई है।

मामी ने शातिरों के साथ मिलकर भांजे को लगाया चूना

पुलिस ने बताया वर्ष 2022 में पीड़ित की मामी सुनीता सोनवानी ने आरोपितों से पीड़ित की मुलाकात कराई थी। आरोपित नरेंद्र देशलहरे ने दावा किया था कि उसकी मंत्रालय के अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है। वो उसकी खाद्य निरीक्षक के पद पर नौकरी लगवा सकता है।

 

आरोपित ने इसके एवज में 60 लाख रुपये लगने की बात कही थी और 50 लाख रुपये में बात पक्की की। लेकिन पीड़ित ने एक साथ 50 लाख रुपये देने में असहमति जताई तो आरोपित ने 25 लाख रुपये पहले और 25 लाख रुपये दस्तावेज सत्यापन के समय देने की बात कही।

सरकारी नौकरी के लिए भांजे ने बेच दिया घर और जमीन

इस पर पीड़ित ने अपने पिता के साथ मिलकर 25 लाख रुपये में जमीन बेच दी। 17 फरवरी 2022 को तीनों आरोपितों को रुपये दिए। इसके बाद दस्तावेज सत्यापन के पहले आरोपितों के कहने पर पीड़ित ने अपना घर बेचकर एक अगस्त 2022 को 25 लाख रुपये दिए। 50 लाख रुपये देने के बाद भी जब पीड़ित की नौकरी नहीं लगी तो उसने आरोपितों से संपर्क किया और रुपये लौटाने के लिए कहा।

आरोपितों ने रुपये लौटाने से साफ इन्कार कर दिया और उल्टे जान से मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की। जिसके आधार पर उसकी मामी सुनीता सोनवानी, नरेंद्र देशलहरे और उसकी पत्नी निवेदिता देशलहरे के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत प्राथमिकी की है।

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