Raipur Breaking News: रायपुर और रायगढ़ के कोल कारोबारियों की हत्या की सुपारी देने वाले कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव को रायपुर लाने की तैयारी है। लॉरेंस हरियाणा और अमन झारखंड की जेल में बंद है। पुलिस दोनों को लाने के लिए रायपुर कोर्ट में अर्जी लगाएगी। प्रोडक्शन वारंट मिलने के बाद दोनों को वहां की जेल से लाकर इस केस में उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। उनसे पूछताछ से छत्तीसगढ़ में प्रोटेक्शन मनी वसूली गैंग की एंट्री के राज खुलने की उम्मीद है।
Raipur Breaking News: कोल कारोबारियों की सुपारी लेने वाले पप्पू सिंह और शूटर रोहित स्वर्णकार ने पुलिस के सामने दोनों गैंगस्टरों के नाम का खुलासा किया है। उन्होंने कहा है वे लॉरेंस और अमन के कहने पर ही वे यहां कोल कारोबारियों की हत्या करने आए थे। इसी वजह से पुलिस उन्हें रायपुर लाएगी। पुलिस अफसरों ने संकेत दिए हैं कि पहले झारखंड दुमका जेल में बंद अमन को लाया जाएगा। उसके बाद लॉरेंस को लाने की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी। आला अफसरों ने संकेत दिए हैं कि दोनों गैंगस्टरों का रायपुर और रायगढ़ के कोल कारोबारियों की हत्या की साजिश रचने में सीधा कनेक्शन है। इसलिए जल्द ही कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के लिए अर्जी लगाई जाएगी।
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छत्तीसगढ़ में लोकल कनेक्शन का शक
Raipur Breaking News: पुलिस को शक है कि मयंक का छत्तीसगढ़ में कोई न कोई लोकल कनेक्शन है। उसी ने मयंक के कहने पर रायपुर और रायगढ़ के कोल कारोबारी का पीछा किया। उसने उनकी एक-एक गतिविधि और दिनचर्या की रेकी की। उनके घर, बंगले, ऑफिस, कार और अस्थायी ठिकानों की फोटो खींचकर उनके घर से ऑफिस आने जाने के रास्ते का पूरा डिटेल मयंक को उपलब्ध कराया।
वही चार्ट फिर मयंक ने राजस्थानी पाली के पप्पू को भेजा। पप्पू ने वही नक्शा और रूट चार्ट शूटर और बाइक राइडरों को दी। पुलिस अब उस रेकी करने वाले और रूट चार्ट बनाने वाली तलाश कर रही है। हालांकि पकड़े गए चारों आरोपियों ने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कहीं है।
राम-राम बोलते ही पप्पू एयरपोर्ट से भागने लगा
पुलिस ने देवेंद्र और मुकेश को गुरुवार रात भाठागांव स्थित योयो होटल से हिरासत में ले लिया था। शनिवार सुबह रोहित भी पकड़ा गया। रोहित से पूछताछ के बाद एक टीम राजस्थान पहुंच गई। इस बीच पप्पू सिंह रायपुर आने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पहुंच चुका था। उसने एयरपोर्ट से रोहित को फोन लगाया, रायपुर में सब ठीक है या नहीं? रोहित उस समय पुलिस की हिरासत में था। उसके मोबाइल पर पप्पू का फोन देखकर पुलिस अफसरों ने बात करने को कहा। रोहित ने इस दौरान पुलिस को झांसा देने की कोशिश की। उसने बातचीत की शुरुआत राम-राम से की। इतना सुनते ही पप्पू के अलर्ट हो गया, क्योंकि राम-राम उनका कोडवर्ड था। पुलिस के घेरे में आने या पकड़े जाने पर राम-राम बोलना था।
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शूटर कहां ठहरेंगे, कहां से पीछा करेंगे और कहां शूट करेंगे, इसका पूरा नक्शा मिला
पुलिस को चारों आरोपियों के पास से रूट चार्ट(नक्शा) मिला है। उसमें स्पष्ट निर्देश है कि शूटरों को कहां ठहरना है? कहां से कारोबारी का पीछा करना है? कहां घटना को अंजाम देना है और किस रूट से भागना है? हर स्टेप का एक-एक पॉइंट लिखा है। यह नक्शा पप्पू, रोहित, मुकेश और देवेंद्र ने नहीं बनाया है।
ये नक्शा मलेशिया में बैठकर लॉरेंस और अमन का काम संभाल रहे मयंक सिंह ने उन्हें भेजा है। मयंक ने नक्शे के साथ पूरी जानकारी पप्पू को दी है। पप्पू ने फिर रोहित, मुकेश और देवेंद्र को इसे उपलब्ध कराया। चारों के मोबाइल पर कोल कारोबारी का वीडियो और फोटो भी मिला है।