जम्मू-कश्मीर में स्थित प्रसिद्ध बाबा अमरनाथ बर्फानी यात्रा इस साल 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी। इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आज यानी 15 अप्रैल से शुरू हो गया है। इस साल यह पवित्र यात्रा 52 दिन तक चलेगी।
आज से इस यात्रा के लिए शुरू हुआ पंजीकरण 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन समाप्त हो जाएगी। जो भी श्रद्धालु इस यात्रा पर जाना चाहते हैं वह आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी पंजीकरण करा सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in है जहां पर पंजीकरण कराना है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वालों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा की गाइडलाइन भी जारी की गई है। यात्रियों का अग्रिम पंजीकरण 15 अप्रैल 2024 से यानी आज से नामित बैंक शाखाओं के माध्यम से शुरू होगा।
13 वर्ष से कम आयु या 70 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी तीर्थ यात्री और 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिला को यात्रा के लिए पंजीकृत नहीं किया जाएगा।यात्रा 2024 के लिए, निर्दिष्ट बैंक शाखाओं के माध्यम से अग्रिम पंजीकरण वास्तविक समय के आधार पर बायोमेट्रिक ई-केवाईसी प्रमाणीकरण के माध्यम से किया जाएगा। पंजीकरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
इच्छुक यात्री 8 अप्रैल 2024 को या उसके बाद अधिकृत डॉक्टर से जारी वैध अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (सीएचसी), आधार कार्ड, सरकार के मान्यता प्राप्त वैध पहचान पत्र के साथ यात्रा 2024 के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए नामित बैंकों के माध्यम से पंजीकरण के लिए शुल्क प्रत्येक व्यक्ति 150 रुपये है। पंजीकृत यात्री को यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू और कश्मीर संभाग के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किसी भी केंद्र से आरएफआईडी कार्ड लेना होगा।
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वैध आरएफ आईडी कार्ड के बिना किसी भी यात्री को डोमेल/चंदनवाड़ी में प्रवेश नियंत्रण द्वार को पार करने की अनुमति नहीं होगी। सीएचसी के प्रारूप और सीएचसी जारी करने के लिए अधिकृत डॉक्टरों/चिकित्सा संस्थानों की सूची के साथ नामित बैंक शाखाओं की सूची एसएएसबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पवित्र गुफा से रोज सुबह और शाम की आरती का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।
लोग वेबसाइट और ऐप के जरिए आरती में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि अमरनाथ की यात्रा हर साल दो मार्गों से होती है। अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा और संकरा बालटाल मार्ग। यात्रा का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के संयुक्त सहयोग से किया जाता है।
अमरनाथ मंदिर को हिंदुओं के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों (वे स्थान जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे) में रखा गया है। साथ ही यह उस स्थान के रूप में भी वर्णित है जहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को जीवन और अनंत काल का रहस्य सुनाया था। इस मंदिर का अधिकांश भाग सालों भर बर्फ से ढका रहता है। इस यात्रा के लिए देशभर में चार बैंकों की 540 शाखाओं में और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर भी श्रद्धालु पंजीकरण करा सकेंगे।