MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- ‘महिला बलात्कार नहीं कर सकती, लेकिन रेप के लिए उकसा सकती है’

Big decision of MP High Court
Big decision of MP High Court

Big decision of MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में भारतीय कानून के तहत उकसावे की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल ने प्रशांत गुप्ता व अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य व अन्य में दिए अपने निर्णय में कहा कि भले ही कोई महिला स्वयं बलात्कार के लिए आरोपित नहीं हो सकती, लेकिन वह आईपीसी की धारा 109 के तहत बलात्कार के लिए उकसाने की दोषी हो सकती है। रेप के लिए उकसाने वाली आरोपी महिला के खिलाफ भी 376 r/w 34, 109 और 506-11 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Read Also-   MPPSC FSO Bharti 2025: खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदों पर निकली बंपर भर्ती, 1,14,800 तक मिलेगी सैलरी, यहां देखें पूरी डिटेल

हाई कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि, उकसाना बलात्कार से अलग और विशिष्ट अपराध है। यदि उकसाने के परिणामस्वरूप उकसाया गया कार्य किया जाता है, तो ऐसे अपराध को उकसाने वाला व्यक्ति यानी पुरुष या महिला आईपीसी की धारा 109 के तहत दंडित होने के लिए उत्तरदायी है। जानकारी के अनुसार, आईपीसी की धारा 109 में उकसाने के लिए सजा का प्रावधान है। यदि उकसाया गया कार्य परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां इसकी सजा के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

Read Also-   चने के एक दाने ने उजाड़ दी मां की कोख, गोद में ही 2 साल के मासूम ने तोड़ दिया दम

यह है मामला
Big decision of MP High Court:  मामला भोपाल के छोलामंदिर थाने में दर्ज हुई एफआईआर (दिनांक 21.08.2022)  से जुआ हुआ है। यहां एक महिला द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसके पड़ोसी ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा था और वह सहमत हो गई थी। कुछ समय बाद, वह उस व्यक्ति की मां और उसके भाई से शादी के बारे में अपनी सहमति देने के लिए उसके घर गई। उस व्यक्ति की मां और भाई ने उसे जबरन उसे आरोपी के साथ भेज दिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद उसकी सगाई हो गई और आरोपी ने उसे शादी का भरोसा दिलाया और उसके साथ दोबारा शारीरिक संबंध बनाए।

Read Also-    प्रेमी ने प्रेमिका को मारी गोली, इस बात को लेकर अपनी जान पर किया जानलेवा हमला

Big decision of MP High Court:  इसके बाद आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया। इसलिए आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा), 376 (2) (एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार), 190 (लोक सेवक से सुरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने के लिए व्यक्ति को चोट पहुंचाने की धमकी), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले की सुनवाई के बाद, आवेदकों द्वारा मामले से मुक्त करने के लिए सीआरपीसी की धारा 227 के तहत एक आवेदन दायर किया गया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

Read Also-    अश्लील तस्वीरों के जारी युवती को किया ब्लैकमेल, वायरल करने की धमकी देकर कई बार किया दुष्कर्म, थाने पहुंची पीड़िता

पीड़िता पक्ष के वकील ने कही यह बात
पीड़िता पक्ष के वकील सीएम तिवारी ने बताया कि आरोपी ने 22. 8. 2023 को भोपाल सेशन कोर्ट से जारी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती  दी थी। भोपाल की निचली अदालत मुख्य आरोपी को दोषी मानते हुए उसके मां और भाई को भी सह अभियुक्त बनाया था। 21 अगस्त 2022 को महिला ने भोपाल के थाना छोला मंदिर में  रेप की FIR दर्ज करवाई थी। जिसमें उसने आरोपी अभिषेक गुप्ता पर शादी के नाम रेप का आरोप लगाया था। वहीं आरोपी की मां और भाई पर भी रेप की घटना में शामिल होने का आरोप लगाया था। महिला का आरोप है कि 8 जुलाई 2021 को पहली बार आरोपी के घर पर बुलाकर रेप किया। सगाई के बाद भी कई बार शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया। कई बार शारीरिक संबंध बनाने के बाद आरोपी और उसका परिवार शादी से मुकर गया था। पीड़िता का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी की मां ने कहा की शादी से पहले संबंध बनाना आम बात है। आरोपी अभिषेक गुप्ता भोपाल का ही रहने वाला है।

Related Post