CG NEWS: जमीन अधिग्रहण के 31 साल बाद भू-विस्थापित बृजमोहन को मिला नियुक्ति पत्र, आंदोलन के दबाव में अब तक  20 लोगों को मिली स्थाई नौकरी, किसान सभा ने कहा- संघर्ष जारी रहेगा

गोरेलाल सोनी की खबर…

Chhattisgarh News: जनहित और किसान हित मुद्दों पर जमीनी लड़ाई लड़ने वाली किसान सभा व्याप्त मुद्दों पर निर्णायक लड़ाई आगाज से अंजाम तक लड़ते आ रही है और बिना हार माने आंदोलन पर सदैव डटी रहती है। ऐसे ही एक मामले में जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे भू-विस्थापित किसानों के आंदोलन को एक और कामयाबी मिली है। कल कुसमुंडा कोयला खदान बंदी के बाद बने दबाव से आनन-फानन में एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय ने पुराने लंबित रोजगार प्रकरण मामले में एक भू-विस्थापित बृजमोहन लाल को रोजगार देने के लिए अप्रूवल आदेश जारी किया, जिसके बाद कुसमुंडा महाप्रबंधक राजीव सिंह के अपने हाथों से उसे नियुक्ति पत्र थमाया। बृजमोहन के परिवार की जमीन का 1993 में एसईसीएल ने अधिग्रहण किया था और वह पिछले 31 सालों से रोजगार के लिए भटक रहा था।

 

Read Also-  ताजमहल को बम से उड़ाने की धमकी से मचा हड़कंप, बढ़ाई गई सुरक्षा

 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा चलाए जा रहे अनवरत धरना प्रदर्शन के कारण एसईसीएल को इसके पहले 20 और लोगों को रोजगार देना पड़ा है। इस जीत से उत्साहित आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष को और तेज करने का फैसला किया है और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित सभी विस्थापित परिवारों को रोजगार मिलने तक आंदोलन जारी रखने का निश्चय किया है।

 

Read Also-  एयरपोर्ट पर कूर‍ियर में मिला भ्रूण, चैकिंग के दौरान मचा हड़कंप

 

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा कोयला खदान विस्तार के लिए 1978 से 2004 तक जरहा जेल, बरपाली, दुरपा, खम्हरिया, मनगांव, बरमपुर, दुल्लापुर, जटराज, सोनपुरी, बरकुटा, गेवरा, भैसमा आदि गांवों में बड़े पैमाने पर हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस समय एसईसीएल की नीति भूमि के बदले रोजगार देने की थी। लेकिन प्रभावित परिवारों को उसने रोजगार नहीं दिया। बाद में यह नीति बदलकर न्यूनतम दो एकड़ भूमि के अधिग्रहण पर एक रोजगार देने की बना दी गई। इससे अधिग्रहण से प्रभावित अधिकांश किसान रोजगार मिलने के हक़ से वंचित हो गए।

 

Read Also-  शराब प्रेमियों के लिए खुशखबरी: रायपुर एयरपोर्ट पर यात्री छलका सकेंगे जाम, जल्द खुलेगा बार

 

Chhattisgarh News: पिछले 1128 दिनों से छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के द्वारा ‘जमीन के बदले रोजगार’ आंदोलन चलाया जा रहा है। ये दोनों संगठन जमीन अधिग्रहण के समय की नीति के अनुसार सभी प्रभावितों को रोजगार देने की मांग कर रहे हैं और इस मांग पर जोर देने के लिए वे कई बार कुसमुंडा खदान बंद, महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव तथा सीएमडी कार्यालय के अंदर भी धरना जैसे आंदोलन भी कर चुके हैं। खदान बंदी के दौरान किसान सभा नेता प्रशांत झा समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था।

 

Read Also-  औद्योगिक क्षेत्र में बाइकर्स गैंग का आतंक, फटाके की आवाज बेलगाम स्पीड जनता के लिए बनी मुसीबत

 

बृजमोहन को नौकरी मिलने की खबर मिलते ही धरनास्थल पर इस जीत की खुशी में मिठाईयां बांटी गई। इस अवसर पर आयोजित सभा को छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान सभा का शुरू से मानना है कि जिनकी जमीन का एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है, प्रत्येक खातेदार को स्थाई रोजगार मिलना चाहिए। एसईसीएल को इस जायज मांग को मानना पड़ रहा है। आंदोलन के दबाव में कम जमीन, डबल अर्जन और रैखिक संबंध के मामले में एसईसीएल को नियमों में बदलाव करना पड़ा है और 20 से अधिक भू-विस्थापितों को स्थाई रोजगार देने के लिए एसईसीएल को मजबूर होना पड़ा है। अब प्रबंधन के खिलाफ अर्जन के बाद जन्म के मामले में भी विस्थापितों के पक्ष में फैसला देने के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा।

 

Read Also-  दोस्त के लोन रिकवरी के लिए PHD छात्रा को मिली न्यूड फोटो वाइरल करने की धमकी, मामला दर्ज

 

रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर श्याम और अध्यक्ष रेशम यादव ने कहा कि दमन के सहारे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचला नहीं जा सकता है। जो अपने अधिकार के लिए लड़ रहे है, उन्हीं की जीत हुई हैं। धरना स्थल पहुंच कर बृजमोहन ने भी अपना रोजगार पाने के लिए आंदोलन के प्रति आभार व्यक्त किया।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *