रायपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को प्रदेश में हो रहे विभिन्न विभागों के सरकारी पदों पर भर्ती के लिए मिले आवेदनों की गिनती करने के बजाये उन्हें प्रदेश के युवाओं को बताना चाहिए कि मोदी सरकार बनाने के लिए जो भाजपा ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था 9 साल में 18 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था जो अब तक नही मिला है। उल्टा मोदी सरकार की कुनीतियों के चलते प्रतिवर्ष ढाई करोड़ हाथों से रोजगार छिना गया, 9 साल में 23 करोड़ हाथ जिनके पास रोजगार था वह भी बेरोजगार हो गये। मोदी सरकार ने 9 साल में मात्र 70 हजार नियुक्ति पत्र देकर देशभर के युवाओं के साथ वादाखि़लाफ़ी किया है जबकि केंद्र में अभी 30 लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त है जो मोदी सरकार की निजीकरण की नीति के चलते खाली है और मोदी सरकार पढ़े लिखे युवाओ को पकौड़े तलने की सलाह दे रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सरकार के दौरान 2018 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से अधिक था आज वह घटकर 1 प्रतिशत से नीचे है जो मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के द्वारा शुरू किए गए रोजगार उन्मूलन कार्यक्रमों और रोजगार देने अवसर देने का नतीजा है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने रोजगार स्वरोजगार और सरकारी नौकरी के माध्यम से 5 लाख युवाओं को रोजगार देने में सफलता अर्जित की है और अभी लगभग 30 हजार से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। रोजगार मिशन के माध्यम से पांच साल में 15 लाख रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित की है एवं 2500 रू. महिना बेरोजगारी भत्ता भी दे रही है। यही भाजपा के पेट दर्द का कारण है जो भाजपा युवाओं को बरगला कर भरमा कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहती थी वह युवा भाजपा के बहकावे में नहीं आए बल्कि वो सरकारी नौकरी के तैयारी में जुटे हैं और भाजपा की घटिया राजनीति खत्म हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद कामकाजी उम्र के 60 प्रतिशत महिलायें बेरोजगार हैं। 20 से 24 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं बीते 9 साल में केंद्र सरकार के पास 22 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है 26 प्रतिशत महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट गिरकर 15 प्रतिशत तक आ गया है। केंद्र और राज्य सरकारों के 60 लाख सरकारी पद रिक्त है इस पर नियुक्ति क्यों नहीं करवाई जा रही है? सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले छोटे लघु मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार के पास कोई नीति क्यों नहीं है ? निजी क्षेत्रों में निवेश बंद है केन्द्र सरकार की नीतियों पर उनको भरोसा नहीं है युवाओं को स्थाई रोजगार देने के बजाय 4 साल के ठेके पर रखकर 23 वर्ष की आयु में रिटायर करने का षड्यंत्र किया गया? मोदी सरकार को वायदे के अनुसार 9 साल में 18 करोड़ युवाओं को रोजगार देना था नहीं दिया।