रायपुर(संचार टुडे)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बेमौसम बरसात में छत्तीसगढ़ के किसानों की फसल बर्बाद होने के बावजूद उन्हें कोई सहायता न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि असमय आंधी और बरसात के कारण प्रदेश के किसानों की रबी फसल, सब्जी व फल की फसल बर्बाद हुई है। अकेले जांजगीर चांपा जिले में 25 हजार एकड़ वह पूरे प्रदेश में लाखो एकड़ में फसल बर्बादी की कगार पर बताई जा रही है। पूरे प्रदेश में असमय वर्षा से फसल चौपट हुई है। इससे राज्य के किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान कर्ज के दलदल में फंस रहा है। परंतु संवेदनहीन भूपेश बघेल सरकार ने नुकसान के सर्वे हेतु अभी पहल भी प्रारंभ नहीं की है। यह दुर्भाग्य जनक है कि प्रदेश के किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है। उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय है लेकिन सरकार, उसके कृषि और राजस्व विभाग ने अब तक नुकसान का सर्वे शुरू नहीं किया है। इससे सरकार की मंशा साफ नजर आ रही है कि वह किसानों को उनके हाल पर छोड़कर बैठी है। सरकार राज्य के किसानों के नुकसान की भरपाई करने का इरादा नहीं रखती।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पिछले साल भी किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीदी देर से आरंभ होने पर बिना बिके भीग गई थी। भीगी हुई धान खरीदी नहीं की गई और किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इस बार भाजपा के दबाव में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू तो की गई लेकिन कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं किया गया। अब किसानों ने फिर से धान बोई थी, फल सब्जी की फसल भी लगाई थी, जो असमय बारिश और अंधड़ में चौपट हो गई।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दीगर राज्य में 50 50 लाख का मुआवजा देने खड़े रहते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति उनकी संवेदना नहीं जागती।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने किसानों के परेशानियों को संज्ञान में लाते हुए मुख्यमंत्री को राज्य के प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा देने की मांग हेतु पत्र लिखा है।