ठेकेदार की निष्क्रियता से नवनिर्मित सड़क पुल पर बने गड्ढे को सुरडोंगर स्कूली बच्चों संग शिक्षकों ने मिलकर पाटा 

डौंडी(संचार टुडे)। ब्लॉक मुख्यालय डौंडी के ग्राम लिम्हाटोला से आमाडुला मार्ग तक करोड़ो की लागत से बन रही सड़क निर्माण में ग्राम सुरडोंगर पहुँच सड़क मार्ग पर पुल तो बन गया है मगर पुल के ऊपर कीचड़ और पानी भर गया है। वही पुल के पहले व आगे हिस्सा सड़क डामरीकरण नही हो पाया है। जिससे भरी बरसात में सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है। जिसके चलते वाहन सवारों को गड्ढे का अंदाजा ना होने से गिरकर घायल होने की आशंका को देखते हुए सुरडोंगर के स्कूली छात्रों साथ शिक्षकों ने मिलकर उक्त गड्ढो को जनहित में पाटा गया ताकि कोई भी नागरिक दुर्घटनाओं का शिकार ना हो सके। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरडोंगर प्राचार्य बी.के.बहुरुपी व जुनियर रेडक्रॉस सोसायटी ने कहा कि समाज सेवा की भावना से नवनिर्माणधीन सड़क जिसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण इन दिनो बारिश में आम नागरिक को बहुत ही मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है एवं आगामी दिनों में यह दुर्घटना का कारण बन सकता है यह जो कि विपदा की तरह है और यह विपदा कभी भी किसी परिवार के लिए एक आपदा का कारण हो सकता है ।विद्यालय में गठित शाला सुरक्षा समिति के सदस्य वरिष्ठ व्याख्याता कांशी राम सोरी एवं काऊंसलर संजय बंजारे के संयुक्त नेतृत्व में विद्यार्थियों को घर से विद्यालय आने व जाने के समय किस किस प्रकार के जोखिम हो सकते है की पहचान कराने के लिए जोखिम पहचान कराने बचाव दल

टीम बनाकर विद्यालय के बाहर भ्रमण कराया गया जिस पर विद्यार्थियों ने सड़क दुर्घटना के संभावित कारणों को रेखांकित किए जिसमें बरसात के दिनों में सडकों पर बन हुए गढ्डे जिसमें पानी भरे होते है ,सड़क पर बैठे मवेशियों के कारण,सड़कों पर जाने अनजाने फेंके गए कूडा़ करकट,एवं खीले व नुकीले सामाग्री ,घर बनाने के गिराए गए सामाग्री जिसमें मुख्यत:रेती,गिट्टी का ढेर जिसे लोग सड़कों पर गिरा देते और कार्य पूरा होने पर सफाई भी नहीं कराते जिससे वाहनों के टायर स्लीप मार देता है व दुर्घटना हो जाती है।सड़कों पर मवेशियों द्वारा मल मूत्र एवं कृषक द्वारा ट्रेक्टर ,बैल गाडि़यो व हल नागर द्वारा खेत से सड़क पर फैले हुए मिट्टी जो की बहुत चिकनी होती है व स्लीप मारती है।ये सभी जोखिम के तत्व के रुप में पहचान किया गया।साथ ही साथ सुरडोंगर नाला पुल के आगे पीछे बहुत बडा़ गढ्ढा बन गया व खल्लारीपारा सड़क गढ्ढे वाले सड़क का विद्यार्थियों तुषार प्रजापति,वामन,दयानंद,मिथलेश,रविंद्र,खिलेंद्र,कार्तिकेश्वर,लालेश्वर,देवेंद्र,निखिल नेताम,चंद्रकांत,मयंक ,नीरज शोरी सभी विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ मिलकर सड़क किनारे ही बिखरे डामर, मूरूम ,ईंट ,खपरेल पत्थर ,बोल्डर ,पुल पर बिखरे गिट्टी को एकत्र करके उन्हें गढ्ढों में डालकर सड़क का समतलीकरण किए जिससे की जनसमुदाय को आवागमन में आ रही परेशानीयों को कम कर जन समुदाय की आक्समिक दुर्घटना से बचाया जा सके।

Related Post