रायपुर। राजधानी के हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर और करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी आपराधिक साम्राज्य की चौंकाने वाली परतें उधेड़ी हैं। एक के बाद एक हो रहे खुलासों से साफ हो रहा है कि किस तरह से दोनों भाइयों ने अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली, और किस तरह प्रशासनिक उदासीनता और रसूखदारों के संरक्षण में उनका यह काला साम्राज्य फलता-फूलता रहा।
एक और नया केस: जबरन वसूली में रोहित के खिलाफ नई FIR
पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में रोहित तोमर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। फरियादी करण सोनी ने शिकायत में बताया कि उसने रोहित से 10 लाख रुपये उधार लिए थे, जो समय पर वापस कर दिए गए थे। इसके बावजूद, रोहित ने उसे डरा-धमकाकर 1 करोड़ 16 लाख रुपये जबरन वसूल लिए। पीड़ित का कहना है कि वह रोहित के डर से अब तक चुप था, लेकिन अब उसने साहस जुटाकर शिकायत दर्ज कराई है।
करोड़ों की संपत्ति, हथियार और ब्लैक चेक जब्त
पुलिस ने भाठागांव स्थित साई विला में छापेमारी कर वीरेंद्र और रोहित तोमर के आवास से बड़ी मात्रा में संपत्ति और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है:-
- नकद राशि: ₹35,10,300
- सोना: 734 ग्राम
- चांदी: 125 ग्राम
- लक्जरी वाहन: बीएमडब्ल्यू, थार, ब्रेजा
- इलेक्ट्रॉनिक सामान: लैपटॉप, iPad, DVR, CPU, नोट गिनने की मशीन
- दस्तावेज: जमीन की रजिस्ट्री, ई-स्टांप, लेन-देन रजिस्टर
- हथियार: रिवॉल्वर, पिस्टल, पांच तलवारें, जिंदा कारतूस
- 30 ब्लैंक चेक: जिन पर अलग-अलग लोगों के हस्ताक्षर हैं
इन चेकों को लेकर पुलिस को संदेह है कि आरोपित पीड़ितों से जबरन हस्ताक्षर करवाकर उन्हें मानसिक दबाव में रखते थे। कुछ लोगों ने थाने में इस संबंध में बयान भी दर्ज कराए हैं।
कैसे बना ‘सूदखोर’ तोमर?
वीरेंद्र तोमर ने 2008 में रायपुर की समता कॉलोनी में अंडे का ठेला लगाया था। उसी दौरान उसने ब्याज पर पैसा देना शुरू किया। शुरुआत में कुछ हजार रुपये उधार देता था, लेकिन जल्द ही सूदखोरी को कारोबार बना लिया। वह 10-15% मासिक ब्याज दर पर रकम देता और भुगतान नहीं करने पर मारपीट, धमकी, अपहरण और ब्लैकमेलिंग जैसी हरकतें करता था।
कुछ वर्षों में उसने अपराध से इतनी संपत्ति जोड़ी कि रायपुर के भाठागांव में आलीशान हवेली खड़ी कर ली। बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियों में घूमने वाला यह अपराधी अब करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक बन चुका है।
तोमर बंधुओं का आपराधिक इतिहास
रोहित सिंह तोमर के खिलाफ दर्ज मामले:
- 2015: महिला से अप्राकृतिक कृत्य का मामला, पुरानी बस्ती थाना
- 2016: युवक से मारपीट
- 2017: महिला से मारपीट और धमकी
- 2018: ब्लैकमेलिंग का केस
- 2019: सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग, कोतवाली थाना
- अन्य: होटल में जानलेवा हमला, मारपीट, गाली-गलौज
वीरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ मामले:
- 2006: व्यापारी पर चाकू से हमला, आजाद चौक थाना
- 2010: मारपीट और धमकी, गुढियारी थाना
- 2013: हत्या का मामला
- 2016-2019: धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग और मारपीट के कई केस
सवाल उठाता है सिस्टम पर
इतने गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड, भारी अवैध संपत्ति, और अवैध हथियारों की मौजूदगी के बावजूद यह सवाल उठता है कि आखिर इतने सालों तक ये दोनों भाई कानून की पकड़ से बाहर कैसे रहे? क्या यह किसी रसूख या राजनीतिक संरक्षण का नतीजा है? पुलिस अब इस मामले में पूर्ववर्ती अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
अभी भी जारी है जांच, कुछ आरोपी फरार
दिव्यांश तोमर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन कई आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है और उनकी सभी संपत्तियों और लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। संपत्ति की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग को भी इस केस में जोड़ा जा सकता है।