डौंडी(संचार टुडे)। जैन समाज के सुनीता ज्ञान चंद बाघमार,पायल अजय बाघमार के 31 की तपस्या मासखमण करने पर श्री फल भेंट कर अभिनंदन किया, गायत्री परिवार डौंडी के सदस्यों ने किया बहू मान।

डौंडी ब्लाक के गायत्री परिवार के ब्लॉक समन्वयक पी एल सोनवानी ने कहा कि तपस्या एक औषधि है जो न धरती से उत्पन्न होती है और न ही आकाश से टपकती है। तप का तेज दैनिक शक्ति को प्रतिहत कर देता है। विज्ञान भी इस बात को मानता है कि तप एक अद्वितीय संजीवनी है।

डौंडी ब्लाक के गायत्री परिवार के बीएल वैष्णव ने कहा कि तपस्या कोई भी व्यक्ति करे, बिना संयम और अनासक्ति के संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म में त्याग व तपस्या को बड़ा महत्व दिया गया है। तप आत्मा के विकास की महान प्रक्रिया है।

बहन सुनीता और पायल ने 31 दिन तक निराहार रहकर साहस का परिचय दिया है। तपस्या करने वाले व्यक्ति में तीन गुण हो तभी वह तपस्या के यज्ञ में आहुति दे सकते हैं। तपस्वी का धैर्य, संतुलन व सहिष्णुता बेजोड़ है तपस्या के मार्ग पर जो व्यक्ति आगे बढ़ता है, उसकी शारीरिक-मानसिक व्याधियां व उपाधियां समाप्त हो जाती हैं। व्यक्ति का संकल्प मजबूत होता है, वह तपस्या सार्थक हो जाती है। गायत्री परिवार के ब्लॉक समन्वयक पी एल सोनवानी बीएल वैष्णव कुलेश भरद्वाज एवं समस्त गायत्री परिवार की ओर से 31 दिन व्रत साधना करने वाली दोनों बहनों को गायत्री परिवार की ओर से नमन वंदन ढेर सारी शुभकामनाएं बधाई एवं उनकी गुरु कृपा ऐसे ही आशीर्वाद बना रहे।