थानखम्हरिया(संचार टुडे)| देश की आज़ादी के 76वें वर्षगाँठ की पूर्व संध्या 14 अगस्त की शाम ने थानखम्हरिया क्षेत्र के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ दिया. नगर स्थित पुरुषोत्तम कॉलोनी में तिरंगा चौक में विशाल तिरंगे झंडे की विधिवत स्थापना की गई. पूरे आयोजन के केंद्रबिंदु युवा समाजसेवी चंदन अग्रवाल व बसंत अग्रवाल द्वारा आयोजित इस विशाल कार्यक्रम में विशेष रूप से पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे, एक्स आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश मिश्रा, रिटायर्ड फौजीगण कैप्टन वीरेंद्र चौहान, कैप्टन ललित दुबे, सूबेदार रोहित कुमार साहू, सूबेदार डी पी पटेल, नायक विजय डागा व अन्य गणमान्यजन सहित हजारों की संख्या में विशाल जनसमूह उपस्थित रहा. कार्यक्रम की शुरुआत शाम 4 बजे विशाल बाइक रैली के रूप में हुई, बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों मोटरसाइकिल में लोग सवार होकर नगर भ्रमण करते हुए तिरंगा यात्रा लेकर तिरंगा चौक पहुंचें व विधिवत रूप से आमंत्रित अतिथियों द्वारा झंडा फहराया गया. मंचीय कार्यक्रम की शुरुआत युवा पंडवानी साधिका दुर्गा साहू के सुमधुर गायन से हुआ. उन्होंने राज्य की सांस्कृतिक पहचान भरथरी व पंडवानी गायन का नायाब नमूना पेश किया. उसके पश्चात रायपुर से आए युवा कवि रिकी बिंदास ने अपनी ओज की कविताओं से माहौल को राष्ट्रीयता के ज्वार से भर दिया, फिर बेमेतरा अंचल के युवा गायक शिवम सोनी ने अपने गीतों से हजारों श्रोताओं को भावुक कर दिया. मंच पर चंदन व बसंत अग्रवाल ने अपने साथियों सहित सुप्रसिद्ध संगीत साधक पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे व आमंत्रित अन्य फौजियों सहित कलाकारों का दुपट्टा व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया. इस अवसर पर बिरनपुर की दुःखद घटना में पिछले दिनों काल के गाल में समाए युवा भुनेश्वर साहू को सामूहिक श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए बसंत अग्रवाल ने उनका सम्मान भी किया. सम्मान समारोह पश्चात देश के सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे ने लगभग घण्टे भर लोगों को हास्य रस में डुबोये रखा, वहीं अंतिम प्रस्तुति के रूप में प्रदेश की बहुत लाडली स्वर कोकिला आरु साहू ने देर रात तक अपनी अद्वितीय प्रस्तुति से विशाल जनसैलाब को बाँधे रखा. लोकगीत, धार्मिक भजन व देशभक्ति गीतों की सधी हुई प्रस्तुति सहित रंगारंग नृत्य समूह ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया.
क्षेत्र के इतिहास के सबसे विशाल व व्यवस्थित आयोजन का उपस्थित हजारों लोगों ने आनंद लिया व आयोजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की.
प्रदेश के युवा संस्कृतिकर्मी व राष्ट्रीय पुरस्कृत लेखक आशीष राज सिंघानिया के कुशल प्रबंधन व संचालन की खूबसूरत बानगी एक बार फिर इस आयोजन में देखने को मिली. इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में विकास सिंघानिया, अनीस अग्रवाल, अतुल सिंघानिया, गणेश अग्रवाल, कौशल सिन्हा, घनश्याम ठाकुर, केशव पटेल, पंकज सेन, संजय सिन्हा, पंकज अग्रवाल, राम अग्रवाल, विवेक डोकनिया, प्रतीक सिंघानिया, सुमित केडिया, हितेंद्र पसरिजा, मनीष कंकरवाल, कमलेश शर्मा, दीपक तिवारी, रोहित भारती, सत्यनारायण स्वामी, श्यामू तिवारी, राजाराम साहू आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.