डिस्टिलरीज और आबकारी अफसरों को बलि के बजाय “पॉलिटिकल मास्टर” के खिलाफ कार्रवाई की जाए: रंजना साहू

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रंजना साहू ने कहा कि शराब घोटाले के मद्देनजर तीन डिस्टलरीज और चार आबकारी अफसरों को नोटिस जारी किया जाने से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सरकार अपनी खाल बचाने केवल छोटी मछलियों पर ठीकरा फोड़ कर अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहती है। श्रीमती साहू ने कहा है कि आयकर विभाग की सूचना पर ईडी ने जांच करके शराब घोटाले पर 2000 पन्नों का जांच प्रतिवेदन कोर्ट में जमा किया है, जिसमें इस घोटाले से जुड़े तथ्य पूरा विवरण है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक साहू ने कहा कि सरकार के अधिकारी और इससे संबंधित दलाल, व्यापारी जेल की सलाखों में कैद हैं। कोर्ट ने भी यह माना है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है, इसीलिए किसी भी आरोपी को जमानत तक नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी का यह धन, जो प्रदेश के युवाओं,गरीबों, किसानों, आदिवासियों के कल्याण और प्रदेश के विकास में काम आता, वह पूरा पैसा भ्रष्टाचार की काली कमाई की भेंट चढ़ गया। इसलिए वे सारे लोग, जो सलाखों के पीछे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक साहू ने कहा कि इतना बड़ा घोटाला हो गया, लोगों की गिरफ्तारी हो गई, इसके बावजूद प्रदेश की कांग्रेस सरकार सोई पड़ी है! आज तक सरकार के मुखिया समेत किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने न तो इस घोटाले पर एक शब्द कहा और न ही अपने पद से इस्तीफा दिया। श्रीमती साहू ने सवाल किया कि क् आखिर इस घोटाले का वह ‘पॉलिटिकल मास्टर’ कौन है, जिसका जिक्र ईडी के दस्तावेज में बार-बार हुआ है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक साहू ने कहा कि भाजपा यह पुरजोर मांग करती है कि या तो शराब घोटाले में प्रदेश सरकार अपनी भूमिका का सच सार्वजनिक करे या फिर यह स्वीकार करें कि इस पूरे घोटाले को प्रदेश सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त था। साथ ही यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि प्रदेश सरकार आरोपियों की सबसे बड़ी वकील बनकर इस पूरे घोटाले की आज भी क्यों संरक्षक बनी हुई है?

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