जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, तीन दिन उपवास के बाद हुए ब्रम्हलीन, छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक घोषित
Acharya Vidyasagar ji Maharaj: जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने आज रात 2.30 बजे संल्लेखना पूर्वक समाधि (देह त्याग दी) ले ली है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर उन्होंने अंतिम सांस ली है।
रायपुर। Acharya Vidyasagar Maharaj: जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने आज रात 2.30 बजे संल्लेखना पूर्वक समाधि (देह त्याग दी) ले ली है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर उन्होंने अंतिम सांस ली है। उनका अंतिम संस्कार आज 18 फरवरी, रविवार को दोपहर 1 बजे किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित
इस खबर से देशभर में शोक की लहर है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के अंतिम दर्शन के लिये डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी में बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों जनसैलाब उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आचार्य श्री विद्यासागर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। इधर, छत्तीसगढ़ सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है।
आचार्यश्री पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे। पिछले तीन दिन से उन्होंने अन्न जल का पूरी तरह त्याग कर दिया था। आचार्यश्री अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए उन्होंने देह का त्याग किया है।
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा…
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024
समाधि के समय उनके पास पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज, श्री समतासागर जी महाराज, श्री प्रसादसागर जी महाराज संघ सहित उपस्थित थे। देश भर के जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों ने उनके सम्मान में आज एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है। सूचना मिलते ही आचार्यश्री के हजारों शिष्य डोंगरगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं।
पीएम मोदी ने डोंगरगढ़ में किए थे विद्यासागर महाराज के दर्शन
पिछले साल नवंबर माह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में जैन तीर्थ स्थल चंद्रगिरी पहुंकर जैन संत विद्यासागर महाराज के दर्शन किए थे। पीएम मोदी ने विद्यासागर महाराज के दर्शन के बाद इंटरनेट मीडिया पर इस बात को शेयर करते हुए लिखा था, आचार्यश्री विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।
सीएम साय ने विद्यासागर महाराज के निधन पर जताया शोक
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) ने जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर शोक जताया। सीएम साय ने शोक संदेश में लिखा, विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ।
छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।
कर्नाटक में हुआ था जन्म
आचार्यश्री का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रांत के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरु आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज से मुनिदीक्षा ली थी। आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने उनकी कठोर तपस्या को देखते हुए उन्हें अपना आचार्य पद सौंपा था।
आचार्यश्री 1975 के आसपास बुंदेलखंड आए थे। वे बुंदेलखंड के जैन समाज की भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना अधिकांश समय बुंदेलखंड में व्यतीत किया। आचार्यश्री ने लगभग 350 दीक्षाएं दी हैं। उनके शिष्य पूरे देश में विहारकर जैनधर्म की प्रभावना कर रहे हैं।