जननी सुरक्षा योजना: इस योजना से महिलाओं को मिलेगा फ़ायदा
जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana) महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं मातृ व शिशु मृत्यु दर में भी गिरावट आ रही है।
संस्थागत प्रसव कराने पर महिलाओं को आर्थिक मदद दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। वहीं एंबुलेंस से अस्पताल जाने की सुविधा भी मिल रही है।
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मंडलीय अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने कहा – संस्थागत प्रसव को बढ़ाने एवं मातृ व शिशु मृत्यु दर को घटाने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana) पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।
संस्थागत प्रसव का सबसे बड़ा लाभ यह मिलता है कि प्रसव के समय जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने के साथ ही प्रसव पश्चात आने वाली जटिलता को आसानी से संभाला जा सकता है।
CMO डॉ संदीप चौधरी का कहना है कि घरेलू प्रसव होने पर मां और बच्चे की तबियत होने की संभावना अधिक रहती है और उस स्थिति में अस्पताल लाना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में ही महिलाओं का प्रसव कराएं।
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स्वास्थ्य केन्द्रों में सामान्य प्रसव के बाद 48 घंटे और सिजेरियन प्रसव के करीब एक सप्ताह तक देखभाल की जाती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया जाए।
इसके लिए आशा कार्यकर्ता, संगिनी व ANM, समुदाय में संस्थागत प्रसव के फायदे और जननी सुरक्षा योजना के बारे में जागरूक करें जिससे शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
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CMO ने बताया कि कुशल डॉक्टर व प्रशिक्षित स्टाफ की देखरेख में जिला चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव होता है। किसी भी जटिल परिस्थिति से निपटने में आसानी रहती है।