रायपुर(संचार टुडे)। पूर्ववर्ती रमन सरकार के अकर्मण्यता और लापरवाही के कारण महानदी जल बंटवारा अटका हुआ था। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ में हुआ, इसके जल पर पहला अधिकार छत्तीसगढ़ का है। पूर्ववर्ती रमन सरकार ने महानदी के जल का व्यापक उपयोग करने के लिये कोई दीर्घकालिक कार्ययोजना बना कर बांध का निर्माण नहीं किया, कुछ एक औद्योगिक बेराज को छोड़ दिया जाये तो 15 साल तक महानदी के जल के सरंक्षण के लिये रमन सरकार ने उदासीनता दिखाई थी जबकि छत्तीसगढ़ की आबादी का 78 प्रतिशत जनसंख्या महानदी के बेसिन पर निवास करती है। सही मायने में महानदी छत्तीसगढ़ की प्राणदायनी है लेकिन रमन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। महानदी के जल पर छत्तीसगढ़ के पुख्ता और नैसर्गिक अधिकार को जताने में रमन सरकार ने कोताही बरता था जिसका खामियाजा आज भी राज्य को भुगतना पड़ रहा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार की प्राथमिकता में छत्तीसगढ़ की सिंचाई सुविधा बढ़ाना था ही नहीं। यही कारण था कि रमन राज के 15 सालों में मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद राज्य का सिंचाई रकबा मात्र 10 प्रतिशत ही बढ़ पाया। महानदी विवाद भी रमन सरकार की लापरवाही के कारण ट्रब्यूनल में गया और महानदी पर बांध बनना भी संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य बनने के शुरूआती कुछ वर्षों में महानदी में बांध बन जाना था, भाजपा सरकार ने नहीं बनाया यदि बांध बनता तो इसका फायदा राज्य को मिलता और परिस्थितियां भी अलग होती।

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