सक्ती(संचार टुडे)। राठौर समाज का प्रमुख चेहरा और पूर्व में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रह चुके मनहरण राठौर ने भी मजबूत दावेदारी कांग्रेस की टिकट के लिए पेश कर दी है। समाज प्रमुखों और समर्थकों के साथ उन्होंने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को आवेदन देकर कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए आवेदन किया है और प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है। छात्र राजनीति से सक्रिय रहने वाले मनहरण राठौर को राजनीतिक रूप से सफलता उसे समय मिला जब उनकी धर्मपत्नी सरोजा मनहरण राठौर 2013 में विधानसभा चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त की। यह मनहरण राठौर की मेहनत का ही परिणाम था कि सरोजा राठौर ने कांग्रेस का परचम लहराया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत को सक्ती विधानसभा से जीत दिलाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की और इसका भी सकारात्मक परिणाम मिला। डॉ चरणदास महंत ने 30 हजार से अधिक मतों से अपने प्रतिद्वंदी को हराकर सक्ती विधानसभा से जीत हासिल की और विधानसभा अध्यक्ष के पद पर पहुंचने में सफल हुए। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में जब आवेदन देने के लिए मनहरण राठौर पहुंचे तब कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और “जीतेगा भाई जीतेगा मनहरण भैया जीतेगा” के नारों से पूरा हरेठी गांव गुंजायमान हो उठा। सक्ती विधानसभा अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्राम पंचायत के सरपंचों ने भी यहां पहुंचकर अपना उन्हें समर्थन दिया और प्रत्याशी बनाए जाने के लिए अपनी सहमति दर्ज कराई। इसी प्रकार राठौर समाज के बंधुओं ने भी मनहरण राठौर के पक्ष में उपस्थित होकर उन्हें टिकट देने की मांग की। इस अवसर पर प्रमुख रूप से चूड़ामणि राठौर सहित बहुत से समाज प्रमुख और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मनहरण राठौर की राजनैतिक गतिविधियां
छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहने वाले मनहरण राठौर ग्राम पंचायत खारवानी में 1983 से 93 तक लगातार निर्विरोध सरपंच के रूप में चुनते आए हैं। जनपद पंचायत के सदस्य के तौर पर भी वे निर्वाचित हो चुके हैं। पूर्व में मंत्री रहे राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के विधायक प्रतिनिधि के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं ब्लॉक युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं तथा लगातार 12 वर्षों तक कनौजिया राठौर समाज केंद्र पोरथा के चार कार्यकाल तक अध्यक्ष रहे हैं। इतना ही नहीं सांसद प्रतिनिधि के तौर पर डॉ चरणदास महंत के लिए भी कार्य कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2003 एवं कर के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया था जिसमें उन्हे 3200 मतों से पराजय झेलनी पड़ी थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रतिनिधि के तौर पर हुए 2004 से लगातार कम कर रहे हैं।
आवेदन करते हुए क्या कहा मनहरण ने
सभी कार्यकर्ता को अपनी पार्टी में दावेदारी करने का अधिकार है। 2003 में कांग्रेस पार्टी ने मुझे उम्मीदवार बनाया था। इस बार मैं भी चाह रहा हूं कि जनता ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है। कांग्रेस पार्टी के सिपाही होने के नाते मैंने भी आवेदन किया है। और जनता के आशीर्वाद से हम आगे सफलता प्राप्त करेंगे। आगे समय बताएगा की परिस्थितियां क्या कहती है।