बालोद (संचार टुडे)। जिले में कई नाबालिग बच्चे नशे की गिरफ्त में आ चुके है, वे पैसों की तंगी के चलते अपनी नशा शौक पूरा करने चोरी जैसे घटनाओं को अंजाम दिए जा रहे है। जिले में नाबालिकों द्वारा चोरी किये जाने की घटनाये में इजाफा हो रही है। कुछ बच्चे चोरी केश में नाबालिग सुधार गृह पर अंदर हो चुके है वहीं कुछ नाबालिग नशेड़ी चोर बनते जा रहे है। इनमें से कुछ बच्चों को चोरी करते हुए पकड़े जाने पर कुछ बुद्धजीवी लोग समझाईस देकर छोड़ भी रहे है और जो नही पकड़े जा रहे वह बच्चे छुप छुपकर चोरी घटनाओं को अंजाम दिए जा रहे है। ऐसा ही एक मामला कल जिले के डौंडी नगर में देखने व सुनने में आ रहा है जहाँ के तीन- चार नाबालिग बच्चों को देर रात्रि समय खड़े बाईक से पेट्रोल चोरी करते हुए पकड़ा गया। मामले में नाबालिग बच्चों को चोरी करने की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि वे खड़े बाईक से पेट्रोल चोरी कर नगर के एक युवा के पास बेच देते है, बदले में उन्हें पेट्रोल दाम से आधी कीमत का पैसा दिया जाता है उनके साथ और भी बच्चों का गैंग है। नाबालिग बच्चों के पकड़ाये जाने बाद इस चोरी मामले में इस वार्ड पर कुछ लोगो द्वारा बैठक रखी गई,उक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पहली बार यह बच्चे चोरी करते पकड़े गए है,इन्हें दोबारा ऐसी गलती नही करने तथा अन्य बच्चों के साथ दोस्ती नही रखने की समझाईस देकर इन्हें छोड़ दिया गया, क्योंकि इनमें से कुछ बच्चे सभ्य घराने से निकले जिनके परिजनों को इनकी करतूतो के बारे में जानकारी ही नही है उनके परिजनों को ये भी नही मालूम बच्चे कब कहां और कर क्या रहे है, इन्ही बातों को ध्यान में रखकर नाबालिग बच्चों के सुधर जाने हेतु लोगो ने उन्हें छोड़ दिया। लेकिन नगर में काना फुसी चल रहा कि ये बच्चे नशे की गिरफ्त में आकर इस प्रकार की चोरी घटनाएं कर रहे है और इस तरह खड़े बाईक से पेट्रोल चोरी लंबे समय से होते आ रही है, जिनके दो पहिये वाहनों से पेट्रोल चोरी हो रही थी उन बाईक वाहनों को या तो पेट्रोल चोरी हो जाने की भनक तक नही लगी इसमें फंडा ये बताया जा रहा कि ये बच्चे बाईक से पूरा पेट्रोल साफ नही कर रहे बल्कि बचाकर निकाल रहे जिससे बाईक मालिको को पेट्रोल चोरी होने का अहसास नही हो रहा था,अथवा जो जान गए उन्हें चोर ही नही मिला, लेकिन जब चोर पकड़ाए तो वह नाबालिग निकले। चर्चा तो यह भी हो रहा कि पकड़े गए बच्चों की गैंग में अधिकतर बच्चे गांजा या शराब, बीड़ी सिगरेट, जर्दा व नशीली गोलियां का सेवन करके नशे का आदि हो रहे है। वे घर से अधिक पैसे नही मिलने के कारण यह नाबालिग छोटी उम्र में नशे का शौक पूर्ण करने चोरी करना सीख गए है। जिनमे यदि समय रहते सुधार नही आ पाया तो आगे चलकर ये बड़ी- बड़ी चोरियां करने लग जाएंगे,इस बात से इंकार भी नही किया जा सकता। लोगो का कहना है कि इनके पालकों को चाहिए वे अपने- अपने बच्चों की हर एक गतिविधियों पर नजर रखकर उन्हें सही मार्गदर्शन दें,जिससे बच्चे घर पर बताए गए उपदेश आज्ञा का पालन कर सके,उन्हें घूमने फिरने की खुली आजादी नही देना चाहिए । अन्यथा आगे चलकर बिगड़े बच्चों के संदर्भ में पछतावा के शिवा कुछ भी हासिल नही होगा।