MP Breaking News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द साबरमती रिपोर्ट (The Sabarmati Report) को प्रदेश में टैक्स फ्री करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह फिल्म देखने जाएंगे। उनके साथ-साथ सांसद और विधायक भी फिल्म देखेंगे। सीएम ने कहा कि घटना का दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भोपाल में आयोजित AUAP के 17 वें सम्मेलन में शामिल होने के बाद मीडिया को दिए बयान में यह ऐलान किया।
Read Also- प्रधानमंत्री मोदी ने की The Sabarmati Report की तारीफ, कहा- सच आ रहा सामने
वोटों की राजनीति के लिए गंदा खेल खेला गया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साबरमती बहुत अच्छी फिल्म बनी है। टैक्स फ्री इसलिए की गई ताकि अधिकांश लोग देख सकें। यह एक काला अध्याय है। इस फिल्म को देखने से दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए। वोटों की राजनीति के लिए गंदा खेल खेला गया। हमारे प्रधानमंत्री ने उस समय मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात की इज्जत बचाई, देश की इज्जत बचाई। यह सच सामने आना ही चाहिए।
Read Also- सीएम विष्णुदेव साय ने किसानों को दिया एक और बड़ा तोहफा
पीएम मोदी भी कर चुके हैं फिल्म की तारीफ
MP Breaking News: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद गोधरा कांड पर बनी फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। पीएम ने एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा था, ” बहुत बढ़िया कहा आपने। यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी इस तरह से कि आम लोग इसे देख सकें। एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं।”
Read Also- छोटे भाई की करतूत सुन बड़े भाई के पैरों के तले खिसक गई जमीन, जानिए पूरा मामला
गोधरा कांड पर बनी है फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’
MP Breaking News: बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’साल 2002 में हुए गोधरा कांड पर आधारित है। इस दिन, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कोच एस-6 में भीड़ ने आग लगा दी थी। इस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। ज़्यादातर कारसेवक अयोध्या से अहमदाबाद लौट रहे थे। इस घटना के बाद, गुजरात में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए।
Read Also- महिला ने अपने ही हाथों उजाड़ा अपना सुहाग: पति को टंगिया मारकर उतारा मौत के घाट
इस घटना के बाद, गुजरात सरकार ने जांच के लिए एक कमीशन बनाया था। मामले में, गोधरा पुलिस ने 103 लोगों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी ने जांच की और 31 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। 34 लोगों को दोषी ठहराया गया था, जबकि 67 लोगों को बरी किया गया था।