New Voters Of Chhattisgarh : प्रदेश में इस बार इतने लाख नए वोटर्स करेंगे वोट.. कुल मतदाताओं के बीच ये तादाद उलट-पलट सकती है सरकार

2018 के चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत के बावजूद भाजपा और कांग्रेस को मिले वोट परसेंटेंज का अंतर भी 9 फीसदी से कम ही था। इस लिहाज से ये कहें कि अकेले ये वर्ग जिस तरफ खड़ा हो जाए, उसकी सरकार बन सकती है।

रायपुर(संचार टुडे)। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार 18 लाख के करीब ऐसे वोटर होंगे, जो पहली बार वोट करने जा रहे हैं। नई पीढ़ी के ये वो मतदाता हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे, अपनी पसंद की सरकार चुनेंगे। जाहिर है कि सोशल मीडिया और नई तकनीक की ताकत से लैस ये युवा वर्ग जिसके पक्ष में खड़ा होगा, परिणाम का पलड़ा उस पार्टी के पक्ष में भारी होगा। लेकिन सवाल है कि ये युवा वर्ग है किसके पक्ष में?

Read More- BJP में शामिल हुए कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज

छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ 3 लाख मतदाता इस बार के विधानसभा चुनाव में सरकार मतदान कर नई सरकार बनाएंगे, लेकिन इनमें से 18 लाख वोटर प्रदेश का वो युवा वर्ग है, जो पहली बार वोट करने जा रहा है। यानी कुल मतदाताओं में से करीब 9 प्रतिशत फर्स्ट टाइम वोटर हैं। इस लिहाज से ये वर्ग अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2003 से 2018 तक सरकार बनाने और विपक्ष में बैठने वाली पार्टियों को मिलने वाले वोट परसेंटेंज के बीच महज दो फीसदी से भी कम का अंतर रहा है।

Read More- चुनाव से पहले करोड़ों का शराब-गांजा जब्त, आपके इलाके में भी हो रही अवैध बिक्री तो इस नंबर पर करें शिकायत

2018 के चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत के बावजूद भाजपा और कांग्रेस को मिले वोट परसेंटेंज का अंतर भी 9 फीसदी से कम ही था। इस लिहाज से ये कहें कि अकेले ये वर्ग जिस तरफ खड़ा हो जाए, उसकी सरकार बन सकती है तो गलत नहीं होगा। यही वजह है कि प्रदेश को दोनों प्रमुख पार्टियां, कांग्रेस और भाजपा इस वर्ग को रिझाने में जी जान से लगी है। कांग्रेस कहती है कि उसने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया, आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल दिए, अंग्रेजी मीडियम कॉलेज दिए, हजारों सरकारी नौकरी के मौके दिए। इस बार केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई फ्री का वादा है। युवा तो उन्हें ही वोट करेंगे।

हालांकि, पलटवार में भाजपा कांग्रेस पर कई हमले करती है। सरकार पर बेरोजगारी भत्ता नहीं देने, भर्ती परीक्षा की गड़बड़ी का आरोप तो लगाती ही है, भाजपा काल के किए काम को भी गिनाती है। लेकिन राजनीतिक दलों के दावों से इतर प्रदेश का फर्स्ट टाइम वोटर क्या सोचता है, उसे मौजूदा सरकार के काम पसंद हैं, या भाजपा के वादे लुभाते हैं, ये जानना भी जरुरी है और इसका खुलासा होगा मतदान के बाद, परिणामो के साथ।

Related Post