रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस की आपसी कलह और सिर-फुटौव्वल के हालात पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता-सिंहासन से मुंह के बल गिर जाएगी, पूरे प्रदेश को अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है। श्री साव ने कहा कि कांग्रेस खुद अपने कृत्यों, कलह और वादाखिलाफी के चलते छत्तीसगढ़ को कांग्रेस मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में चल पड़ी है और प्रदेश का जनमानस आगामी विधानसभा चुनाव में इस बात पर मुहर लगाने प्रतिबद्ध है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम कांग्रेस नेता जब-तब भाजपा की बेजा फिक्र में दुबले होते नजर आते हैं, जबकि पहले उन्हें अपना घर सम्हालने की जरूरत हैं। मुख्यमंत्री बघेल सत्ता के अहंकार में चूर होकर चाहे जितना बड़बोलापन प्रदर्शित कर लें, लेकिन उन्हें भी यह आभास हो गया है कि अपने शासनकाल में किए गए भ्रष्टाचार और घोटालों ने उन्हें अब अपने ‘खानदानी आकाओं’ से दूर कर दिया है। श्री साव ने कहा कि संभागीय सम्मेलनों से कुछ पहले प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शैलजा का अकस्मात छत्तीसगढ़ प्रवास इसी सोच और रणनीति का हिस्सा थी ताकि मुख्यमंत्री बघेल का विकल्प तलाशा जाए। कांग्रेस के लोग अब खुद यह मानने लगे हैं कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी की अब कोई गुंजाइश नहीं रह गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाले ही नहीं, कांग्रेस में सत्ता और संगठन में चल रही आपसी कलह भी कांग्रेस के राजनीतिक अस्तित्व को पलीता लगा रही है। कांग्रेस की यह कलह लगातार सामने आ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पहले ही कह दिया है कि कांग्रेस अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कई मौकों पर अपमान का घूंट पी चुके मरकाम की पीड़ा के अपने मायने हैं, जबकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत चाहते हैं कि मोहब्बत की एक दुकान छत्तीसगढ़ की राजनीतिक नफरतों के बाजार में भी खुलनी चाहिए। मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे मंत्री टीएस सिंहदेव तो अपने एक विभाग से इस्तीफा देकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला बोल ही चुके हैं, और अब वे भी मान रहे हैं कि सत्ता के गलियारों में संगठन की कोई अहमियत रह ही नहीं गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि कांग्रेस के लोग मुंगेरीलाल की तरह सत्ता में वापसी के लाख हसीन सपने देखकर खुश होते रहें, लेकिन जमीनी सच्चाई और प्रदेश सरकार के कार्यकाल की नाकामियां इन सपनों को पंख नहीं लगाने देगी। छत्तीसगढ़ के खजाने को लूटकर जिस तरह प्रदेश को कांग्रेस का एटीएम बनाने का काम पिछले साढ़े चार सालों में हुआ है, भ्रष्टाचार-घोटालों के अलावा प्रदेश के हर वर्ग के साथ प्रदेश सरकार ने जो छलावा किया है, शांति, जन सुरक्षा, कानून-व्यवस्था से माफियाओं ने जैसा खिलवाड़ करके जंगलराज कायम किया है, अपने इन कृत्यों के चलते कांग्रेस अपनी तयशुदा पराजय की इबारत अभी से वक्त की दीवार पर साफ-साफ पढ़ रही है। प्रदेश की जनता नवंबर में इस पर अपनी मुहर लगा देगी।