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Raipur Exclusive News: राजधानी में सड़क किनारे लगे बिजली खंभे, ट्रांसफार्मर के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर और यातायात पुलिस के अधिकारियों ने शहर का निरीक्षण कर यातायात में बाधक बने ऐसे ट्रांसफार्मर को हटाने के निर्देश बिजली कंपनी के अधिकारियों को दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने महज खानापूर्ति करने के लिए करीब दर्जनभर ट्रांसफार्मर, खंभों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह पर लगा दिया। इससे यातायात की समस्या दूर होने के बजाय और बढ़ गई।
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Raipur Exclusive News: बारिश के मौसम में ट्रांसफार्मर के खुले ट्रांसफार्मर और पुराने बिजली के तार हादसे को न्योता दे रहे हैं बिजली कंपनी ने मरम्मत के नाम पर कुछ स्थानों पर काम भी कराया, लेकिन शहर के अधिकांश इलाकों में ट्रांसफार्मर के खुले बाक्स अभी भी करंट फैलने का खतरा बना हुआ है।
Raipur Exclusive News: बिजली विभाग की लापरवाही के चलते शहर में जगह-जगह ट्रांसफार्मर के खुले पैनल बाक्स सीधे मौत को दावत दे रहे हैं। स्टेशन रोड, खमतराई, समता कालोनी, चौबे कालोनी, टिकरापारा, संतोषीनगर, गोकुलनगर, बोरियाखुर्द, डूंडा, सेजबहार समेत कई स्थानों पर विद्युत कंपनी द्वारा लगाए गए में ट्रांसफार्मर के पैनल बाक्स खुले बो पड़े हैं। पैनल बाक्स में सुरक्षा के लिए जाली लगाई गई, लेकिन बिना देखरेख के अभाव में वह भी गायब हो चुका है। इससे इंसानों – के साथ जानवरों पर भी मौत का संकट मंडरा रहा है।
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मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति
मानसून आने से पहले विद्युत कंपनी ने लाइन से सटे पेड़ की टहनियों को काटने, लाइन की पेट्रोलिंग, ट्रांसफार्मर का कंडेक्टर और इंसुलेटर सुधारने, टांसफार्मर की मरम्मत, ट्रांसफार्मर केबल ज्वाइंट, कटआउट, अर्थिंग और विद्युत व्यवस्था सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए जिले में करीब 10 हजार निजी कर्मचारियों को तैनात कर रखा है, लेकिन जिस तरह से मरम्मत का काम हो रहा है, उससे साफ है कि केवल खानापूर्ति की जा रही है।
![राजधानी के गुढ़ियारी क्षेत्र में श्रीनगर स्थित शुभम हॉस्पिटल के पास का खुला हुआ पैनल sanchartoday.com](https://i0.wp.com/sanchartoday.com/wp-content/uploads/2024/07/Raipur-News-CG-1.jpg?resize=696%2C447&ssl=1)
टहनियों को काटने, लाइन की पेट्रोलिंग, ट्रांसफार्मर का कंडेक्टर और इंसुलेटर सुधारने, टांसफार्मर की मरम्मत, ट्रांसफार्मर केबल ज्वाइंट, कटआउट, अर्थिंग और विद्युत व्यवस्था सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए जिले में करीब 10 हजार निजी कर्मचारियों को तैनात कर रखा है, लेकिन जिस तरह से मरम्मत का काम हो रहा है, उससे इले विद्युत साफ है कि केवल खानापूर्ति की जा रही है।
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पानी भरने से करंट फैलने का खतरा
खुले में ट्रांसफार्मर होने से बरसात में पानी भरने से करंट फैलने का खतरा बढ़ गया है, जबकि विद्युत कंपनी मानसून से पहले मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये फूंकती है, उसके बाद भी व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। वहीं विद्युत कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि ‘राजधानी में मानसून आने से पूर्व ही सुरक्षा संबंधी सारी तैयारी कर ली जाती है पर ट्रांसफार्मरों, पोल की खस्ता हाल देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरम्मत के नाम पर बड़ा खेल किया जा रहा है।
शहर वृत्त वन विभाग के अभियंता अधीक्षक मनोज वर्मा ने कहा कि, ट्रांसफार्मर के पैनल हम नहीं खोलते वो हवा की वजह से खुल जाते है। यदि कही पर बारिश के चलते किसी पैनल से चिंगारी निकलने की शिकायत मिलती है तो उसे तुरंत दुरस्त कराया जाता है। खुले पैनल बॉक्स को बंद कराने का आदेश दे दिया गया है। अर्थिंग की भी जांच कराई गयी है, ताकि बारिश के कारण किसी भी प्रकार का हादसा व खतरा न हो।