Naked demonstration of ST-SC youth in Raipur demanding action in fake caste certificate case

रायपुर(संचार टुडे)।  नग्न होकर विधानसभा कूच करने की कोशिश में जुटे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की हैं। करीब 25 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। वही अब पुलिस गिरफ्तार किये गए प्रदर्शनकारियों की कुंडली खंगालने में लगाई हैं। पुलिस ने जब सभी के पुराने रिकार्ड जांचे तो कलाई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

http://फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर रायपुर में ST-SC युवाओं का नग्न प्रदर्शन https://sanchartoday.com/naked-demonstration-of-st-sc-youth-in-raipur-demanding-action-in-fake-caste-certificate-case/

पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया ही प्रदर्शन करने वाले युवको का पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा हैं। नेक प्रोटेस्ट में शामिल रहे व्यंकटेश, विक्रम, संजीत, अमन और आशुतोष नाम के युवको पर कई गंभीर आपराधिक कृत्य को अंजाम देने का आरोप रहा हैं। इनमे हत्याब के प्रयास, लूट, मारपीट जैसे ाप्रद शामिल हैं। रायपुर पुलिस ने इसकी पूरी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दी है।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति का मामला गर्माया हुआ है। जिसे लेकर SC-ST युवाओं का नग्न प्रदर्शन हो रहा है। फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में प्रदर्शन किया जा रहा है। नग्न होकर विधानसभा मार्च किया था। विधानसभा के पास पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही थी। प्रदर्शन की चेतावनी के बाद रात भर पुलिस ने उनकी धरपकड़ कि थी। फिर भी प्रदर्शन करने में युवा सफल रहे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायतें मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे है। इस मामले की गम्भीरता देखते हुए राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी जिसके रिर्पोट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।

लेकिन अभी तक यह आदेश खानापूर्ति ही साबित हुई। सरकारी आदेश कों पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट को न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग है जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाएं दे रहे हैं।