करोड़ों के सड़क निर्माण में राजस्व जमीन से चोरी कर बड़े पैमाने पर डाला जा रहा अवैध मुरुम, ठेकेदार को शह किसकी..? 

करोड़ों के सड़क निर्माण में राजस्व जमीन से चोरी कर बड़े पैमाने पर डाला जा रहा अवैध मुरुम, ठेकेदार को शह किसकी..?

डौंडी(संचार टुडे)। राजस्व जमीन से बड़े पैमाने पर अवैध मुरुम उत्खनन हो रहा है जिसे करोड़ो के लागत से बन रही सड़क निर्माण कार्य मे ठेकेदार के इशारे पर डाला जा रहा है तथा राज्य शासन को लाखों रुपयों का राजस्व राशि में चूना लगाया जा रहा है। मगर इस ओर जिम्मेदार विभाग कुभकर्णीय निद्रा में रहने से प्रतीत हो रहा कि राजस्व जमीन से अवैध उत्खनन होने में बड़ा खेला चल रहा है।

जिसमे ठेकेदार को शह दिये जाने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता। क्योंकि लोगो का कहना है कि लिम्हाटोला से आमाडुला पहुँच मार्ग तक लंबी दूरी के सड़क निर्माण में समस्त स्थलों पर राजस्व जमीन के मुरुम को जेसीबी से खोदकर ट्रेक्टर एवं हाईवा वाहनों से डाला गया है।

वही अभी वर्तमान ताजा मामले में आज ग्राम कुवागोंदी के पहले बनाई जा रही पुल निर्माण स्थल समीप डाले जा रहे मुरुम को पुल से ठीक पहले मेन रोड किनारे स्थित पहाड़ीनुमा राजस्व जमीन में दो जेसीबी लगाकर अवैध मुरुर उत्खनन कर पांच ट्रेक्टरो से अवैध परिवहन कर पुल किनारे रोड में डंप कर समतलीकरण कार्य किया जा रहा था।

जिसकी सूचना डौंडी तहसीलदार नायक को दिए जाने पर उन्होंने आरआई एवं क्षेत्र के पटवारी धुर्व को संबंधित स्थल भेजा गया। मगर उनके पहुचने से पहले ही दो जेसीबी और पाँचो ट्रेक्टर मौका स्थल से फरार हो चुके थे। जिसके चलते प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा सकी। मगर राजस्व जमीन स्थल पर हुए अवैध मुरुम उत्खनन के ताजा निशान व पुल समीप डंप किये गए अवैध मुरुम को पटवारी व आरआई द्वारा आंखों देखा निरीक्षण किया गया।

ऐसे हो सकती थी कार्यवाही 

राजस्व जमीन से अवैध उत्खनन कर फरार हुए वाहनों की खिंचे गए फोटो को पटवारी धुर्वा के वाट्सएप नम्बर पर भेजा गया था।

पटवारी और आरआई निरीक्षण स्थल निरीक्षण करने के बाद पुल किनारे अवैध मुरुम समतलीकरण करने वालो से गाड़ियों की पहचान कराकर उन्हें सम्बंधित स्थल बुलवाकर उत्खनन परमिशन या रॉयल्टी दिखाने कड़ाई बरता जाता तो सच्चाई अपने आप सामने आ जाती। और नियमतः कार्यवाही से राजस्व जमीन में हो रही चोरी पर लगाम लग सकता था। यदि सम्बंधित विभाग लिम्हाटोला से आमाडुला तक बनाई जा रही सड़क के समस्त स्थलों में डाले गए मुरुम की निष्पक्षता के साथ जांचकर ठेकेदार से मुरुम का रॉयल्टी बिल की मांग की जाती है तो चौकाने वाली परिणाम आ सकती है।

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