सत्य का पालन करने की महात्मा गांधी की सीख साढ़े तीन साल की बच्ची के यौन शोषण की जांच करने और आरोपी को 100 साल की जेल की सजा सुनाने में महत्वपूर्ण साबित हुई. दो साल पुराने मामले में, पथनमथिट्टा जिले के अडूर फास्ट ट्रैक और विशेष न्यायालय ने 11 अक्टूबर को कोल्लम जिले के पथनपुरम के पास पुन्नाला निवासी आरोपी विनोद को 100 साल की कठोर कारावास और 4 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

यह भयावह घटना दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक में महात्मा गांधी के बारे में एक पाठ के कारण सामने आई. पीड़ित बच्ची की आठ वर्षीय बड़ी बहन ने अपनी मां को इस बारे में बताया कि उसे और उसकी छोटी बहन को यौन शोषण का सामना करना पड़ा. उसने दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक के एक पाठ में गांधीजी की शिक्षा, ‘कभी किसी से झूठ नहीं बोलना’ सीखी थी, जिसके बाद उसने अपनी मां को सच बताने की ठानी. इस दुखद खुलासे के बाद, माता-पिता ने अडूर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

बच्ची के साथ 2021 को दरिंदगी हुई

साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ 18 दिसंबर 2021 को दरिंदगी हुई थी. आरोपी ने पीड़िता की 8 साल की बड़ी बहन के साथ भी दरिंदगी की थी. वह इस मामले में चश्मदीद गवाह थी. जज ए समीर ने पांच धाराओं में फैसला सुनाया. हालांकि 100 साल की सजा 5 अलग-अलग अपराघों में दी गई है, लेकिन दोषी को नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के आरोप में कम से कम 20 साल की सजा काटनी होगी. जुर्माने की राशि बच्चियों को दी जाएगी. जुर्माना न देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

पॉक्सो की कई धाराओं में हुई सजा

यह सजा पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दी गई. इसमें POCSO अधिनियम की धारा 4 (2) और 3 (ए) के तहत 20 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना और POCSO 4 (2) और 3 (डी) के तहत 20 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना शामिल है. POCSO 6 और 5(l) के तहत 20 साल की सजा और 1 लाख रुपये, पॉक्सो 6 और 5 (20 साल और एक लाख रुपये), 6 और 5(n) के तहत 20 साल और एक लाख रुपये का जुर्माना.

दोषी पर एक और मुकदमा चल रहा

साल 2021 में, अडूर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन सर्कल इंस्पेक्टर टीडी प्राजिश ने मामले की जांच की थी और आरोप पत्र दायर किया था. इस मामले में दो आरोपी थे. विनोद की करीबी रिश्तेदार राजम्मा दूसरी आरोपी थी. हालांकि, उसे अदालत से चेतावनी देकर रिहा कर दिया गया. विनोद पर साढ़े तीन साल की बच्ची की बड़ी बहन से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी के तौर पर अलग से मुकदमा चल रहा है.