अब अगले पांच साल तक गरीबों को मिलेगा मुफ्त में राशन
मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 1 जनवरी, 2024 से 5 साल तक बढ़ाने का फैसला किया है. योजना के तहत करीब 81 करोड़ लोगों को फायदा होगा. योजना के तहत सरकार अगले पांच वर्षों में कुल 11.80 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी. यह बात केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कही.
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोदी कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसलों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 13.50 करोड़ भारतीय गरीबी स्तर से ऊपर उठे हैं. इसे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इसी तरह COVID-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई थी. योजना की समयावधि में पांच साल की बढ़ोतरी की गई है. इसके तहत चिन्हित गरीबों परिवारों को प्रति माह 5 किलो और अंत्योदय परिवारों को प्रति माह 35 किलो मुफ्त अनाज मिलेगा.
फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की समयावधि में बढ़ोतरी
इसके साथ केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की योजना को 3 साल के लिए मार्च 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया है. आज 773 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें कार्यरत हैं, जिनमें से 415 विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम से संबंधित मामलों के लिए हैं. 3 वर्षों के दौरान योजना पर ₹ 1,950 करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे. योजना का उद्देश्य बलात्कार और विशेष रूप से नाबालिग लड़कियों से जुड़े यौन अपराधों के मामलों में समयबद्ध सुनवाई और त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है.
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महिला स्वयं सहायता समूह को दिए जाएंगे ड्रोन
अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है. 2023-24 से 2025-2026 के दौरान 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे, जिन्हें किसानों को कृषि उपयोग के लिए किराये पर दिया जाएगा.
16वें वित्त आयोग को लेकर लिए फैसले
केंद्रीय मंत्री ने 16वें वित्त आयोग को लेकर किए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने आयोग के संदर्भ की शर्तों पर अपनी मंजूरी दे दी है. कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर शर्तें 16वें वित्त आयोग के संदर्भ में निर्णय लिया गया है. 16वां वित्त आयोग अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, केंद्र इस पर निर्णय लेगा और इसे 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 तक लागू किया जाएगा.