क्या सफल हो पायेगा नगर पालिका अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव…?

सक्ती। नगर पालिका परिषद सक्ती के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मोर्चा पार्षदों ने खोल दिया है, जिला कलेक्टर को इस संबंध में पत्राचार भी किया जा चुका है जहां आगामी 24 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में मत डाले जायेंगे, ऐसे में यह चर्चा का विषय है कि 18 पार्षदों वाले सक्ती नगर पालिका में 12 कांग्रेस पार्षदों के होते हुए भी आखिर कैसे अध्यक्ष पद की कुर्सी जायेगी? अध्यक्ष कांग्रेस की है जबकि महज 6 पार्षद ही भाजपा से है। चर्चा यह भी है कि वर्तमान पालिका अध्यक्ष से कांग्रेस व भाजपा दोनों के ही पार्षद पूरी तरह से नाराज चल रहे है ऐसे में माना जा रहा है।

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विदित हो कि सक्ती नगर पालिका में भी भाजपा पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष के विरूद्ध मोर्चा खोलते हुए गत शुक्रवार को सक्ती कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी गयी है।

पालिका के 5 पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा दादू जायसवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देकर अध्यक्ष पर अनियमितता को लेकर कई आरोप भी लगाए हैं। विरोधी पक्ष जहां अध्यक्ष को हटाने रणनीति बना रही है तो वही अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने पूरा प्रयास में जुट गयी है।

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अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देने वालों में वार्ड नंबर 6 की पार्षद रजनी संजय रामचंद्र, पार्षद सरला गोविंदा निराला, गजेंद्र यादव, विजय लखन देवागंन, धनंजय नामदेव का हस्ताक्षर है। सूचना पत्र में कहा गया है कि अध्यक्ष द्वारा पीआईसी की बैठक एवं परिषद् की बैठक में जनहित के कार्य को ध्यान में न रखकर स्वहित के कार्य के ज्यादा ध्यान दिया जाता है।

नगर पालिका में इनके पद पर रहते हुए साफ सफाई, पेय जल, एवं विद्युत व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। वही नगर पालिका में अध्यक्ष के पति त्रिलोक चंद जायसवाल के कारखाने से निर्मित मशीनरी ही ज्यादा उपयोग में लाये जा रहे है। आरोप में आगे कहा गया है कि 100 करोड़ रूपए की नल जल योजना समय बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सकी है।

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नियमों के विपरीत ठेकेदार के द्वारा पूर्णरूप से भ्रष्टाचार करते हुए नगर में निर्माण कार्य जारी है तथा कार्य की गुणवता निम्न है। 4 वर्षाे के आय व्यय का लेखा जोखा परिषद् की बैठक में पार्षदों के द्वारा मांगे जाने पर भी नहीं दिया गया है। मनमाने ढंग से अनुपयोगी मशीनरी की खरीदी कर आर्थिक हानि पहुंचाई गई है। इसलिए हम नगर पालिका अध्यक्ष के विरूध अविश्वास प्रस्ताव लाने विवश हैं।

क्या पालिकाध्यक्ष की कुर्सी बचा पायेंगे कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक चंद जायसवाल

विदित हो कि नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा जायसवाल के पति त्रिलोकचंद वर्तमान में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी है। ऐसे में वह पार्टी के नेताओं को साथ लेकर कुर्सी को बचाने में जुट गये है। इधर भाजपा के सत्ता में आते ही भाजपाईयों में भी जोश और उत्साह कई गुना बढ़ गया है ऐसे में पालिका अध्यक्ष सुषमा जयसवाल पर अविश्वास प्रस्ताव के बादल मंडराने लगे है।

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यहां कांग्रेसी पार्षदों में चांदनी सहिस, राम सजीवन, ईश्वर लोधी, महबूब भाई, रिंकू आनंद अग्रवाल, लव सोनी,  शकुन, लव सोनी, घनश्याम जायसवाल, नानू भाचा, नेहा श्याम सुंदर अग्रवाल उपाध्यक्ष तथा रिंकी सेवक है यदि ये अध्यक्ष के साथ है तो कुर्सी बच सकती है। इधर वार्ड नंबर 2 के पार्षद राम सजीवन जो कि स्वयं एक कांग्रेसी है कहते है कि चार साल से भी अधिक समय हो गया अध्यक्ष रहते हुए हमारी एक न सुनी गयी है ऐसे में जो समय अब बच गया है उसमें किसी ऐसे अध्यक्ष को चुना जायेगा जो नगर हित में काम करें एवं पार्षदों की सुने।