डौंडी(संचार टुडे)। गत 26 सितंबर को सुबह 7 बजे ग्राम उकारी के 45 वर्षीय युवक महेश कुमार गौर को हाथ, पैर, सिरदर्द एवं चक्कर आने के कारण उनके परिजनों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डौंडी लाकर उक्त युवक को भर्ती कराया गया था। जिसका उपचार स्वास्थ केंद्र के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था।
जानकारी अनुसार इस बीच मरीज युवक की हालात को देखते हुए करीब तीन बजे उसे जिला अस्पताल या शहीद अस्पताल रैफर किये जाने पर्ची रशीद काटा गया। वही तीन बजे डौंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 108 वाहन की अनुपलब्धता रहने से ब्लॉक के चिखलाकसा अस्पताल से 108 वाहन बुलाया गया जो शाम करीब 5 बजे डौंडी अस्पताल पहुंचा।
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परंतु मरीज को 108 में शिप्ट किया जाता युवक की सांस सदा के लिए बंद हो चुकी थी। इस तमाशा को अपने आंखों से देख रहे डौंडी नगरपंचायत के भण्डारीपारा वार्ड पार्षद एवं युवा भाजपा नेता संजीव मानकर द्वारा अस्पताल के डॉक्टर से सवाल उठाया गया कि जब अस्पताल द्वारा तीन बजे रैफर पर्ची काटा गया तो ब्लॉक का दूसरा 108 पांच बजे पहुंच रहा है।
इस लेटलतीफी के चलते युवक की जान चली गई यह अस्पताल की बड़ी लापरवाही है। जिस पर डॉक्टर नरेंद्र ठाकुर का कहना था कि लेटलतीफी नही हुई है, उनके परिजनों को वस्तुस्थिति बताई गई थी कि मरीज को रैफर किया जाना है।
डौंडी का 108 अन्य स्थल जाने से चिखलाकसा से 108 बुलाया गया और जैसे ही मरीज को 108 में शिप्ट किया जाता उसका देहांत हो चुका था। डॉक्टर ठाकुर ने आगे बताया कि मरीज का बीपी 80 और सुगर 45 न्यूनतम था इसके अलावा मरीज को यूरिन व टॉयलेट नही हो रहा था।
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इस बाबत पार्षद संजीव मानकर ने कहा कि जब मरीज को सुबह सात बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसका बीपी सुगर चेक करने पर न्यूनतम पाया गया तो मरीज को 10-11 बजे ही रैफर कर दिया जाना था और तीन बजे रैफर पर्ची डॉक्टर ने काटा तब 108 पांच बजे पहुँच रहा, तभी मरीज का तत्काल देहांत होना बताया जा रहा है।
लेकिन मरीज का दोनों हाथ पैर अकड़ा गया था जो तत्काल देहांत हो जाने की बात समझ से परे लगता है। यह सब अस्पताल की गंभीर लापरवाही नही तो और क्या है।