डौंडी (संचार टुडे)| छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के तत्वावधान में डोंडी में निकाली गईं जबर पोरा रैली इस रैली में हजारों लोक कलाकार एवं छत्तीसगढ़ियाजन अपने त्यौहार जबर पोरा को उल्लासमय वातावरण रहा । सुसज्जित बैलगाड़ियों का जूलूस, बस्तरिहा रेला-पाटा, गेड़ी, पंथी, करमा, सुवा, राऊत नाचा, डंडा नृत्य करते हुए लोग प्रकृति के साथ-साथ अपनी मूल संस्कृति को बचा कर रखने का संदेश देते रहे । मूल-देवता बूढ़ादेव, छत्तीसगढ़ महतारी और छत्तीसगढ़िया महापुरुषों की झांकी रैली के विशेष आकर्षण हुआ।साथ में छत्तीसगढ़ के मार्शल आर्ट “अखाड़ा” के रुप में छत्तीसगढ़ियों का शौर्य प्रदर्शन हुआ ।
विशाल जन-समूह के साथ कार्यक्रम हुआ । वहां पर हल एवं कृषि औजारों की पूजा भी हुआ छत्तीसगढ़ महतारी की महा आरती होई तत्पश्चात छत्तीसगढ़ियों की दशा-दिशा पर विमर्श के बाद विशाल मंच छत्तीसगढ़ के लोक कला धरती के सिंगर भोती पर का आयोजन भी हुआ
आयोजकों ने इस आयोजन का उद्देश्य समझाते हुए कहा कि “जबर पोरा रैली” छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति को जिंदा रखने का एक सांस्कृतिक आंदोलन है । यह लगातार हो रहे आयातित बाहरी सांस्कृतिक आक्रमणों से छत्तीसगढ़ियापन को बचाने का एक सार्वजनिक संकल्प है । पोरा प्रकृति की संरक्षा का महापर्व है । प्रदेश की खेती जमीन, हसदेव जैसे जंगल, नंदीराज जैसे पहाड़ों और सैकड़ों प्राकृतिक जलस्रोतों को आज खदानों और उद्योग दानवों को भेंट चढ़ाया जा रहा है । छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने सेनानी से अपील करते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के द्वारा एकजुट होकर हम अपने भटके हुए नीति-निर्धारकों को उनकी गलत नीतियों में तत्काल सुधार कर लेने के लिये एक कड़ा संदेश दे सकते हैं ।
उक्त कार्यक्रम मे भूषण साहू प्रदेश महामंत्री पदाधिकारी देवेंद्र साहू ललित कावरे, यामन साहू, तमराज साहू, राहुल मानिकपूरी, दीपक सहारे, राजकुमार साहू, राकेश साहू, चंद्रभान साहू, सुभाष साहू, शशि भूषण,चमन साहू सहित अन्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे