नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी विश्व में ऊर्जा का प्रवाह करती है और उनकी पूजा अर्चना करने से आपको सुख शांति मिलती है.
रायपुर(संचार टुडे)। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहला दिन जहां शैलपुत्री का होता है तो दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. कहते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी विश्व में ऊर्जा का प्रवाह करती है और उनकी पूजा अर्चना करने से आपको सुख शांति मिलती है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा किस तरह से की जानी चाहिए, उनका मंत्र क्या है और भोग स्वरूप उन्हें क्या चढ़ाना चाहिए.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और बैठकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें. अगर आपके पास माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की तस्वीर है तो उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं और भोग में पंचामृत सबसे पहले अर्पित करें. पंचामृत अर्पित करते समय ऊं ऐं नमः का जाप 108 बार जरूर करें, इसके साथ ही मां ब्रह्मचारिणी को पान, सुपारी और लौंग भी अर्पित की जाती है. पूजा के उपरांत मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें.
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥