जेम्स जॉयस नाम के एक आयरिश राइटर द्वारा लिखी गई एक किताब है फिन्नेगन वेक (Finnegans Wake), जिसे लोगों का एक ग्रुप 28 साल से लगातार पढ़ रहा है. कहा जाता है कि ये किताब दुनिया की सबसे कठिन किताबों में से एक है, जो 80 भाषाओं में लिखी गई है.

सोशल मीडिया के इस दौर में किताबें पढ़ने का शौक कुछ लोगों के लिए भले ही मर गया हो, लेकिन अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करने और टीवी देखने से ज्यादा किताबें पढ़ने को तवज्जो देते हैं. कुछ तो ऐसे भी हैं, जो इतने शौकीन होते हैं कि कोई किताब पढ़ने बैठें तो उसे एक ही दिन में खत्म भी कर देते हैं, पर आज हम आपको एक ऐसी किताब के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सालो से पढ़ा जा रहा है, लेकिन अभी भी वो किताब खत्म नहीं हुई है. ऐसा नहीं है कि उस किताब में अनगिनत पन्ने हों, बल्कि उसमें 600 के करीब पन्ने हैं, लेकिन फिर भी उसे पढ़ने में लोगों की हालत खराब है.

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इस किताब का नाम फिन्नेगन वेक (Finnegans Wake) है, जिसे जेम्स जॉयस नाम के एक आयरिश राइटर ने लिखा है. यह किताब असल में एक नॉवेल है, जिसमें कुल 628 पेज हैं. ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया स्थित एक बुक क्लब ने हाल ही में इस किताब का पहला वाचन पूरा किया है, जो कि एक बेहद ही कठिन पुस्तक है, जिसे उसने 28 साल पहले पढ़ना शुरू किया था. दरअसल, जेम्स जॉयस ने एक बार कहा था कि वह अपने पाठकों से जो मांग करते हैं, वो ये है कि उन्हें ‘अपना पूरा जीवन मेरी रचनाओं को पढ़ने में समर्पित करना चाहिए’ और कुछ लोगों ने उनकी इस बात को एकदम सीरियसली ही ले लिया.

80 भाषाओं में लिखी गई है किताब
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुक क्लब के सदस्यों ने अपने जीवन के पिछले 28 साल ‘फिन्नेगन वेक’ को पेज दर पेज समझने और इसके कई रहस्यों को जानने की कोशिश में बिताए हैं. कहा जाता है कि ये किताब इतनी कठिन है कि कोई भी व्यक्ति ये नहीं कह सकता कि उसने इसे पूरा पढ़ लिया और अच्छे से समझ लिया. बताया जाता है कि इस किताब को लगभग 80 भाषाओं को संदर्भित करते हुए पुनर्आविष्कृत शब्दों, वाक्यों और संकेतों के जटिल मिश्रण में लिखा गया है. यही वजह है कि इसे पढ़ने में लोगों की हालत खराब हो जाती है.

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कभी न खत्म होने वाली किताब है ये
कैलिफोर्निया के एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म निर्माता गेरी फियाल्का ने साल 1995 में इस किताब को पढ़ने के लिए कुछ लोगों का एक ग्रुप बनाया था. किताब के सिर्फ दो पेज को पढ़ने और उसपर अपने विचार देने के लिए 10 से 30 लोग स्थानीय लाइब्रेरी में हर महीने बैठते थे और चर्चा करते थे. हालांकि बाद में उन्होंने इसे घटाकर प्रति बैठक एक पेज कर दिया था. गेरी फियाल्का के रीडिंग ग्रुप के एक सदस्य 38 वर्षीय पीटर क्वाड्रिनो ने बताया कि किताब पढ़ने के दौरान वो 30 अलग-अलग विकिपीडिया टैब खोलकर बैठते थे, ताकि किताब में लिखे एक-एक शब्द को वो अच्छे से समझ पाएं. ये रीडिंग ग्रुप कहता है कि ‘फिन्नेगन वेक’ कभी न खत्म होने वाली किताब है.