रायपुर(संचार टुडे)। राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अरुण साव मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति का समर्थन करके भाजपा के और मोदी सरकार के किसान विरोधी चरित्र को उजागर किया है। अरुण साव दावा कर रहे कि मोदी सरकार ने 9 साल में देश के किसानों पर 2.60 लाख करोड़ खर्च किया जबकि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पिछले साढ़े 4 सालों में छत्तीसगढ़ के किसानों के खाते में 1.70 लाख करोड़ रू. से अधिक सीधे अंतरित किया है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की अपेक्षा भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ में किसान ज्यादा खुशहाल है। छत्तीसगढ़ के किसानों को उनकी उपज की सबसे ज्यादा कीमत मिलता है। छत्तीसगढ़ में 20 लाख किसानों का कर्जा माफ कांग्रेस सरकार ने किया। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद खेती का रकबा बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर हो गया तथा खेती करने वाले किसानों की संख्या 12 लाख से बढ़कर 26 लाख हो गयी। छत्तीसगढ़ में धान का खरीदी भी 55 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 107 लाख मीट्रिक टन हो गया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों की आत्महत्या का दौर खत्म होकर खुशहाली का दौर शुरू हो गया। रमन राज में 15000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या किया था जो अब छत्तीसगढ़ का किसान आत्महत्या नहीं करता है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के धान उत्पादक किसानों के साथ मोदी सरकार लगातार धोखेबाजी कर रही है। यूपीए सरकार के 10 सालों में धान के समर्थन मूल्य में 142.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी थी। जब मनमोहन सरकार बनी तब धान का समर्थन मूल्य 560 रू. था, मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार में धान का समर्थन मूल्य बढ़कर 1360 रू. हो गया था। मोदी सरकार के 10वें साल में धान का मूल्य अब जाकर 2183 रू.घोषित हुआ है जो यूपीए सरकार में मिलने वाली कीमत में मात्र 60.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है।

मोदी ने 2014 के चुनाव के पहले वायदा किया था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी की जायेगी तथा कृषि उपज के लागत मूल्य का ज्यादा समर्थन मूल्य घोषित किया जायेगा लेकिन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो को मानने का भरोसा दिलाने वाले मोदी ने हर साल किसानों से धोखा किया। मोदी और भाजपा किसान से दो बड़े वादे कर सत्ता में आए। पहला वादा था, किसान के समर्थन मूल्य की लागत+50 प्रतिशत मुनाफा पर निर्धारित करना। दूसरा वादा था कि इस मूल्य निर्धारण के फॉमूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई है। किसान साल दर साल ठगे जाते रहे। पत्रकारवार्ता में प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा भी उपस्थित थे।