महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ माकपा का धरना, कहा-मोदी सरकार की कॉर्पोरेट परस्त नीतियां जिम्मेदार

बालोद (संचार टुडे)। महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के देशव्यापी आह्वान पर सैकड़ों माकपाईयों ने गांधी चौक धमतरी पर धरना दिया। और केंद्र में भाजपा नीत मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त जनविरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।

माकपा ने भूमिहीनों को भूमि, आवासहीनों को आवास, वनभूमि पर अधिकार देने तथा चिटफंड में आम जनता के डूबे पैसों को लौटाने की भी पुरजोर मांग की और राज्य की कांग्रेस सरकार को भी अपने निशाने पर लिया। धरना में असंगठित क्षेत्र के मजदूर और महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल थे।

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माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पराते ने कहा कि महंगाई पर लगाम और बेरोजगारों को काम देने के वादे पर आई भाजपा सरकार ने आम जनता से धोखाधड़ी की है।

आज जब पूरी दुनिया में कच्चे तेल के दाम वर्ष 2014 के स्तर से नीचे हैं, हमारे देश मे पेट्रोल-डीज़ल-गैस की कीमतें पहले की तुलना में तिगुनी हो गई है, इससे चौतरफा महंगाई बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनाज मगरमच्छों के दबाव में मोदी सरकार जमाखोरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रही है, इसके कारण अनाज, तेल और सब्जियों सहित सभी चीजों की कीमतें बढ़ रही है।

रोज कमाने वाले लोगों की आधी कमाई खाने पर ही खर्च होती है और अपनी दूसरी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें भूखों रहना पड़ रहा है। भूखी जनता के खाने पर भी मोदी सरकार जीएसटी लगा रही है।

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सभा को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव समीर कुरैशी ने कहा कि इस सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के कारण खेती और उद्योग-धंधे दोनों चौपट हो गए हैं।

नतीजन, गांव और शहर दोनों जगह बेरोजगारी बढ़ी है। दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने के नाम पर आई सरकार ने करोड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया है और वे आत्महत्या करने पर मजबूर है, जबकि सरकारी और निजी क्षेत्र में लाखों पद खाली हैं।

मजदूर नेता सरला शर्मा, मनीराम देवांगन और रेमन यादव ने कहा कि सरकारी योजनाएं तो भूमिहीनों और आवासहीनों को जमीन और घर देने की है, लेकिन ठीक उल्टा हो रहा है।

गोठान के नाम पर वनभूमि से आदिवासी और नजूल भूमि से गरीब किसान बेदखल किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे चिटफंड कंपनियां ठगी का धंधा चला रही है।

उन्होंने प्रदेश की गरीब जनता का 50000 करोड़ रुपया लूट लिया और सरकार 50 करोड़ रुपया भी अभी तक वापस नहीं करा पाई। इसलिए गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए माकपा बड़ा अभियान छेड़ने जा रही है।

इस धरने का नेतृत्व पुरुषोत्तम साहू, रामकृष्ण निर्मलकर, सागर निषाद, तारा साहू, दुलारी साहू, युकेश्वरी साहू आदि ने किया।