दिल्ली(संचार टुडे)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के साथ ही कई कड़ी शर्तें लगा दी हैं। केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अरविंद केजरीवाल सीएम ऑफिस और दिल्ली सचिवालय नही जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा बिना दिल्ली के उप-राज्यपाल के आदेश के किसी भी सरकारी फाइल पर केजरीवाल साइन नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 50 हजार के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा जेल के बाहर आकर अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा या कोई बयानबाजी नही करेंगे। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और/या केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।
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बहरहाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली है। इससे वह अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर पाएंगे। ईडी ने अपने हलफनामे में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध किया था। अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद भाजपा ने भी कहा कि चुनाव के लिए केजरीवाल को जमानत मिली है। केजरीवाल को 2 जून को फिर जेल जाना होगा। आज कोर्ट में ये साबित हो गया कि वो करप्शन में लिप्त हैं।