तोता पकड़ने में 8 साल के लड़के का हुआ ये हाल, तीन घंटे तक चला रेस्क्यू

बोरवेल के गड्ढे में बच्चों के गिर जाने की खबर महीने में एक-दो बार सामने आती रहती हैं। उधर रायसेन जिले के करमोदी गांव में आठ साल के लड़के ने तोता पकड़ने के लिए पेड़ में बनी कोटर में हाथ डाल दिया। उसका हाथ बुरी तरह फंस गया।

बचाव के लिए मदद की पुकार पास के स्कूल में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों तक पहुंची। उसके बाद पेड़ के उस हिस्से को सावधानी से काटना शुरू किया। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद बालक का हाथ सुरक्षित बाहर निकला जा सका। इस बीच रास्ता मिलने ही तोता फुर्र से उड़ भी गया।

शरारती है बालक

करमोदी निवासी श्रीरामसिंह का आठ वर्ष का बेटा समर काफी शरारती है। रोजाना की तरह 21 फरवरी को दोपहर में वह गांव में खेल रहा था, तभी उसने वहां लगे सागौन के पेड़ में करीब पांच फीट की ऊंचाई पर बने गड्ढे (कोटर) में एक खूबसूरत तोते को अंदर घुसते हुए देख लिया था।

दाहिना हाथ डाल दिया कोटर के अंदर

बस फिर क्या था, समर ने एक पत्थर पेड़ के तने के पास रखा और तोते को पकड़ने लिए दाहिना हाथ पूरी तरह कोटर के अंदर डाल दिया। तोता तो अंदर कहीं दुबक गया और समर का हाथ कोटर में फंसकर रह गया। काफी कोशिश करने के बाद भी जब हाथ बाहर नहीं निकल सका, तो समर ने मदद के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। पास में शासकीय कालेज गैरतगंज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का शिविर लगा हुआ था। बालक की पुकार सुनकर प्रोफसर एवं छात्रों के अलावा ग्रामीण और समर के पिता श्रीराम और चाचा शिवपूजन भी वहां पहुंच गए थे।

पेड़ काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था

रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी डा. प्रभात दुबे ने बताया कि मौके पर मौजूद लोगों ने कोटर में तेल आदि डालकर बालक का हाथ निकालने की काफी कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बालक के पिता ने पहले कुल्हाड़ी से पेड़ काटना शुरू किया। इसके बाद चाचा शिवपूजन ने कचक से धीरे-धीरे हाथ के आसपास पेड़ की लकड़ी काटना शुरू की। उधर इस बीच चुपचाप दुबके पड़े तोताराम को रास्ता मिल गया। वह फुर्ती से लोगों के बीच से फुर्र भी हो गया। उधर करीब तीन घंटे बाद बालक का हाथ सकुशल बाहर निकला, तो सबने राहत की सांस ली।